राकेश कुमार(लेखक लोकराज के लोकनायक) के फेसबुक वाल से
औरंगबाद। जिलेे के मदनपुर प्रखंड में एक गाँव है #मदारपुर. उस गाँव में केवल और केवल रविदास(चर्मकार) जाति के लोग रहते हैं, जैसा बताया गया. लेकिन इस गाँव में लहलहाती सब्जी की फसलें मुझे विस्मय में डाल दिया.
आपके मन में सवाल उठेगा कि आखिर विस्मय की क्या बात?
हाँ, मैंने रविदास जाति की बहुलता वाला पहला गाँव देखा है,जहाँ सब्जी की खेती इतने बड़े पैमाने पर की जाती है.
सामान्य तौर पर सब्जी की खेती पर एकाधिकार ‘कोइरी जाति’ का है क्योंकि समाज में इनसे ज्यादा मेहनत किसानी में कोई और नहीं कर पाता है.मदारपुर में तो कहानी ही उल्टा है.
मैंने कारण जानना चाहा. ग्रामीणों ने बताया कि खिरियावाँ में कोइरी जाति की अच्छी खासी संख्या है और उनकी तरक्की-समृद्धि का कारण सब्जी की खेती है. खिरियावां के बधार में लहलहाती सब्जी की खेती ने हम मदारपुरवासियों को प्रेरित किया है और तरक्की की राह दिखाया है.
आशा है कि अन्य गाँव के दलित परिवारों को भी यह आलेख प्रेरित करेगा और तरक्की की राह दिखाएगा.