औरंगाबाद। किसी शायर ने सही कहा है कि हौसले अगर बुलंद है तो आंधियों में भी चिराग जलते हैं और इस कहावत को शत प्रतिशत सच साबित किया है शहर के कामा बिगहा निवासी सत्येंद्र यादव की 14 वर्षीय पुत्री दीपा ने. दीपा का चयन बिहार क्रिकेट एसोसिएशन टीम में अंडर-19 में हुआ है.
कठिन परिश्रम और संघर्ष की बदौलत दीपा ने सफलता प्राप्त कर न सिर्फ औरंगाबाद को गौरवान्वित किया है. बल्कि औरंगाबाद की पहली महिला क्रिकेटर बनकर अपने माता पिता के सपने को साकार किया है. दीपा की इस सफलता से उसके घर एवं परिवार के सगे संबंधियों में हर्ष का माहौल है.
दीपा के मेंटोर और उसके प्रशिक्षक आशुतोष कुमार उर्फ प्रकाश जो जिला क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हैं ने बताया कि दीपा वर्ष 2020 के फरवरी माह में उनके क्रिकेट एकेडमी में क्रिकेट सीखने आई। उस समय वह मात्र दस वर्ष की थी। उस वक्त उसके लिए एक क्रिकेटर बनना इतना आसान नहीं था। परंतु उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति देखकर लगा कि जरूर वह कुछ बड़ा करेगी।
खेल के प्रति उसके संकल्प को देखकर उसे प्रशिक्षण देना शुरू किया. कुछ माह तक तो लगा कि उससे यह नहीं हो पाएगा। परंतु उसने ठान लिया कि उसे कुछ कर दिखाना है और चार वर्ष की अथक परिश्रम से उसने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया और अंडर 19 में अपनी जगह बनाई.
दीपा के पिता मूलतः एक किसान है और उसकी मां पूनम देवी गृहिणी है। उसके पिता का कामा बिगहा मोड़ पर ही छोटा सा एक मेडिसिन की दुकान है जिससे वह दीपा के साथ साथ अपने तीन बच्चों का भरण पोषण करते हैं. दीपा भाई बहनों में सबसे बड़ी है और अभी से ही अपने दो छोटे भाइयों के कैरियर के प्रति फिक्रमंद है.
दीपा ने बताया कि प्रारंभिक दौर में थोड़ी परेशानियां हुई लेकिन मेरे लगन को देखकर माता पिता के साथ साथ गांव के भी बड़े बुजुर्ग सहयोग करने लगे.उसने कहा कि पढ़ाई और खेल दोनो का तालमेल बैठा पाना थोड़ा मुश्किल था लेकिन खेल के साथ साथ उसने पढ़ाई पर भी फोकस किया.
दीपा के अंडर 19 में चयन होने पर औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने विडियो कॉलिंग कर उसे उसकी सफलता पर शुभकामनाएं दी है और वह निरंतर औरंगाबाद के साथ साथ बिहार का नाम रौशन करे। उसके लिए आशीर्वाद दिया है.
दीपा की सफलता पर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहित सिंह ने उसे अपनी शुभकामनाएं दी है और उपाध्यक्ष आशुतोष कुमार, कोषाध्यक्ष शशांक शेखर, सचिव उज्ज्वल सिंह एवं अमित अखौरी ने उसके घर कामा बिगहा जाकर मां पिता को मिठाईयां खिलाकर बधाई दी है.