युवाओं में तेजी से बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले अनियमित जीवन शैली प्रमुख रूप से जिम्मेदार

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हाल ही के कुछ वर्षों में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं यह एक बहुत बड़ी चिंता की विषय है अनियमित खान पान, जीवन शैली तनाव व्यायाम के कमी के कारण प्रमुख रूप से जिम्मेवार है।इसके अलावा खान-पान में जंग फूड अत्यधिक सेवन भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

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सीधी तौर पर कहे तो खराब लाइफस्टाइल, गलत खान-पान, तनाव, आलस्य, देर रात तक जागना और अगली सुबह देर तक सोने से कोलेस्ट्रॉल, शुगर और फैट बढ़ता है।जिसे लोग लगातार हाई बीपी उच्च रक्तचाप जैसे बीमारियों का गिरफ्त में तेजी से आ रहे हैं खास करके युवा वर्ग के लोगों के जहाँ जंग फूड का अत्यधिक सेवन कर रहे हैं। वहीं युवा वर्ग के लोगों के द्वारा धूम्रपान मादक पदार्थ, एवं शराब सेवन अत्यधिक कर जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है।

यह एक बहुत ही गंभीर चिंता की विषय है। यह विडंबना की बात है कि अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक घंटे का भी समय नहीं दे पाना,ऑफिस कार्यालय में जहां लोग 8 से 10 घंटे तक कार्य करते हैं वही अपने स्वास्थ्य के लिए एक घंटे का भी समय नहीं निकाल पाते और यही जीवन शैली खराब होने के कारण गंभीर बीमारियों के आमंत्रण दे बैठते हैं।

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स्वस्थ जीवन के लिए अपने खानपान और जीवनशैली में सुधार करने की आवश्यकता है. सही आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव से मुक्त ये सब हमें हृदय स्वास्थ्य रखनें में मदद कर सकते हैं। बस जरूरत है इसे नियमित रूप से जीवन शैली में अपनाने का तभी हम स्वस्थ रह सकते हैं। दिए गए प्रमुख रूप से योग करने से आने वाले हार्ट अटैक को खतरे को काम किया जा सकता है। साथी कई गंभीर बीमारियों में भी लाभकारी होगा।

प्राणायाम

योग का अभ्यास मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। हृदय रोग का मुख्य कारक उच्च रक्तचाप होता है, जिसे कम करने के लिए भी यह योगासन किया जा सकता है। प्राणायाम के अभ्यास से हृदय की मांसपेशियों को आराम मिलता है और रक्त संचार बेहतर होता है। वहीं हृदय पर बनने वाले किसी भी अतिरिक्त दबाव को प्राणायाम योगासन का अभ्यास कम कर सकता है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए प्राणायाम में भस्त्रिका, कपालभाति और अनुलोम-विलोम की आदत डालें।

वीरभद्रासन

योग का अभ्यास कई बीमारियों में फायदेमंद है। शरीर के संतुलन में सुधार और सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए इस आसन का नियमित अभ्यास करना चाहिए। वीरभद्रासन रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और तनाव को कम करता है। हार्ट रेट को नियंत्रित करने के लिए वीरभद्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। इसके अलावा इस आसन को करने से पूरा शरीर लचीला होता है और हृदय की क्षमता में सुधार व हृदय की मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं।

धनुरासन

हृदय की सेहत के लिए धनुरासन का अभ्यास भी असरदार है। इससे हृदय की मांसपेशियां मजबूत बनती है, पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग के साथ ही हृदय पर अतिरिक्त पड़ने वाला दबाव कम होता है। साथ ही रक्त संचार में सुधार और रक्त परिसंचरण बेहतर कार्य करना है। सभी उम्र के लोगों के लिए नियमित धनुरासन योग का अभ्यास लाभकारी है।

दिए गए तथ्यों की खबरी चाचा पुष्टि नहीं करता यह जानकारी योग शिक्षक से विचार विमर्श कर पब्लिश की गई है अत्यधिक जटिल समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श लें।

 

 

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