*बैंकॉक, 6 फरवरी 2025:* **नेशनल रिसर्च काउंसिल ऑफ थाईलैंड (NRCT)** ने हाल ही में बैंकॉक में **थाईलैंड इन्वेंटर्स डे 2025** और **बैंकॉक इंटरनेशनल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी, इन्वेंशन, इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी एक्सपो (IPITEx)** का आयोजन 2 से 6 फरवरी के बीच किया। यह वार्षिक आयोजन दुनिया भर के आविष्कारकों और नवाचारकों को अपने विचारों, उत्पादों और तकनीकों को प्रदर्शित करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाने का मंच प्रदान करता है।
इस वर्ष भारत के लिए गौरवशाली क्षण तब आया जब बिहार के **श्रेयस बी चंद्रा** (औरंगाबाद) और **हर्ष राजपूत** (पटना) ने इस प्रतिष्ठित मंच पर देश का प्रतिनिधित्व किया। उनकी अनूठी खोज, **मीबॉक्स स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन डिवाइस**, ने वैश्विक स्तर पर प्रशंसा अर्जित की और विद्युत सुरक्षा और दक्षता में सुधार के लिए इसके महत्व को पहचाना गया।
**मीबॉक्स स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन डिवाइस** एक अत्याधुनिक IoT-आधारित प्रणाली है, जो विद्युत प्रणालियों में महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करती है। यह वोल्टेज, बिजली की खपत और तापमान जैसे प्रमुख मापदंडों की निरंतर निगरानी करता है। यदि उच्च वोल्टेज या अधिक तापमान जैसी असामान्यताएं पाई जाती हैं,
तो यह स्वचालित रूप से MCB (मिनीएचर सर्किट ब्रेकर) को ट्रिप कर देता है, जिससे संभावित खतरों जैसे आग लगने को रोका जा सकता है। यह डिवाइस स्मार्टफोन पर रीयल-टाइम अलर्ट भेजता है, जिससे उपयोगकर्ता इसे दूरस्थ रूप से मॉनिटर और नियंत्रित कर सकते हैं। यह ऊर्जा अनुकूलन के लिए लाइव एनालिटिक्स भी प्रदान करता है।
दुनिया भर के आविष्कारकों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए, श्रेयस और हर्ष ने भारत के लिए **गोल्ड मेडल** और **मलेशिया का उत्कृष्ट नवाचार पुरस्कार** जीता। उनका आविष्कार न केवल अपनी तकनीकी श्रेष्ठता के लिए बल्कि स्थिरता और ऊर्जा दक्षता पर इसके जोर के लिए भी सराहा गया।
अपनी सफलता पर बात करते हुए श्रेयस और हर्ष ने अपनी इस उपलब्धि को अपने माता-पिता और देश को समर्पित किया। उन्होंने कहा, “हम इस सफलता का श्रेय अपने परिवार, मार्गदर्शकों और भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को देते हैं, जिन्होंने हमें प्रेरित और समर्थन किया।”
इस कार्यक्रम में कई देशों के प्रतिभागियों ने अपने अद्वितीय उत्पाद और तकनीक प्रस्तुत किए, जो अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में नई साझेदारियों और व्यावसायिक अवसरों को बढ़ावा देते हैं।
श्रेयस और हर्ष की यह सफलता भारत के लिए गर्व का क्षण है और यह दिखाती है कि देश के युवा वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए तकनीक और नवाचार में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। उनकी इस उपलब्धि ने भारत के नवाचार क्षेत्र की संभावनाओं को उजागर किया है और यह साबित किया है कि कड़ी मेहनत, दूरदृष्टि और समर्थन से विश्व स्तर पर उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है।