औरंगाबाद। मोदी सरकार के कथनी और करनी में बड़ी अंतर है जिस तरह से लागतार मोदी सरकार द्वारा बिहार का अपेक्षा की जा रही हैं, यह कहीं से उचित नहीं है। जबकि बिहार के विकास के बिना देश की विकास की कल्पना नहीं की जा सकती हैं। यह बात राजद ज़िला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव ने कहीं।
उन्होने कहा कि केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा बिहार को दी जाने वाली राशि लगातर कम की जा रही हैं। बीते आठ सालों में केंद्र से बिहार को 62 हज़ार करोड़ रूपये कम मिले हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की उपेक्षा के कारण बिहार में केंद्रीय योजना गति नही पकड़ ही है। बिहार की जनता को मोदी सरकार ने सिर्फ और सिर्फ ठगने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश को ठगने का काम किया गया है। इनके पास बिहार को आगे बढ़ाने के लिए कोई प्रावधान नहीं है। मोदी सरकार को बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी। इनकी सिर्फ जुमलेबाजी और झूठा आश्वासन से देश नहीं चलता है।
उन्होंने कहा कि लगभग 10 वर्षों की मोदी सरकार के कार्यकाल में देश को नाकामी और बदहाली के सिवाए कुछ नहीं मिला। जनता से किया एक भी वादा इन्होने आज तक पूरा नहीं किया है। उन्होने दो करोड़ रोजगार हर वर्ष देकर देश से बेरोजगारी मिटाने और मंहगाई घटाने का वादा भी किया था लेकिन इसके विपरीत इनके राज में बेरोजगारी और मंहगाई ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। मोदी सरकार ने आम जनता को अच्छे दिनों का वादा किया था, लेकिन गिरती अर्थव्यवस्था ने लोगों को बुरे दिन दिखा दिए हैं।
इनके राज में जहां पूंजीपति मालामाल होते गये वहीं आम आदमी की आमदनी में जबर्दस्त गिरावट हुई है। इनके राज में आर्थिक असमानता इतनी बढ़ चुकी है कि एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की 40 प्रतिशत सम्पत्ति सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के हाथों में जा चुकी है।
वहीं, देश की आधी आबादी के पास इंडिया की टोटल वेल्थ का सिर्फ तीन प्रतिशत है, यानी मोदी राज में अमीर और अमीर होते जा रहे हैं वहीं गरीब और गरीब। उन्होंने कहा कि हकीकत में मोदी सरकार के शब्दकोश में जनता का कल्याण है ही नहीं। इन्हें सिर्फ अपना और अपने पूंजीपति मित्रों के विकास से मतलब है।