निर्माणाधीन महासेतु के पाये ढहने पर सुशील मोदी ने पूछे पांच सवाल

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– मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम क्या कोई जिम्मेदारी लेंगे ?

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– साल भर पहले महासेतु का एक हिस्सा टूटने पर जांच रिपोर्ट का इंतजार किये बिना निर्माण फिर क्यों शुरू कर दिया ?

-विधानसभा में कमजोर निर्माण के सवाल पर डिप्टी सीएम ने किस आधार पर दी थी क्लीनचिट ?

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पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जो लोग प्रधानमंत्री और रेल मंत्री से बालासोर रेल दुर्घटना की जिम्मेदारी लेने की मांग कर रहे थे, वे क्या बिहार में निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु का एक हिस्सा फिर से ढह जाने की जिम्मेदारी लेंगे?

श्री मोदी ने कहा कि क्या महासेतु मामले में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कोई कार्रवाई करेंगे?

उन्होंने कहा कि जो लोग गैसल रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेकर नीतीश कुमार के इस्तीफा देने की कथा सुना रहे थे, वे महासेतु के पाये ढहने पर चुप क्यों हैं?

श्री मोदी ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार से पांच सवाल पूछे –
1.जब महासेतु का एक हिस्सा टूटा और आइआइटी रुड़की को इसकी जांच सौंपी गई, तब उसकी अंतरिम रिपोर्ट का इंतजार किये बिना निर्माण की गति क्यों बढ़ा दी गई?

2.जब विधानसभा में डा. संजीव ने पुल का पाया कमजोर होने का सवाल उठाया , तब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने किस आधार पर क्लीनचिट दे दी?
3. अगर पुल का एक हिस्सा खुद नहीं टूटा, बल्कि डिजाइनिंग की गलती के कारण उसे तोड़ा जा रहा था, तो उस जगह से मजदूर लापता कैसे हो गए?

4. साल भर पहले जब महासेतु का एक हिस्सा टूटा, तब निर्माण एजेंसी के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?

5. प्रस्तावित महासेतु का शिलान्यास होने के 8 साल बाद भी निर्माण पूरा क्यों नहीं हुआ?

श्री मोदी ने कहा कि सरकार यदि कुछ छिपा नहीं रही है, तो उसे इन सवालों का तथ्यपूर्ण और विश्वसनीय उत्तर देना चाहिए।

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