जाति आधारित गणना के बाद भी 85% पिछले अति पिछड़े व दलित मुसलमान के साथ नाइंसाफी और न्याय किया जा रहा है
जदयू पार्टी से खालिद अनवर को फिर से विधान परिषद भेजने का किया विरोध
राजद पार्टी से अब्दुल बारी सिद्दीकी और सैयद फजल अली को विधान परिषद मनोनीत करने पर भी विरोध जाहिर किया
स्वर्ण मुसलमानों का नहीं मिलने के बावजूद भी उन्हें मनोनीत किया गया है
दलित मुसलमान की संख्या निर्णायक है उसके बावजूद भी विधान पार्षद में सदस्य के रूप में मनोनीत नहीं किया गया
लोकसभा चुनाव में भी अगर इस तरह की अनदेखी की जाएगी तो आने वाले समय विरोध होगा
ऑल इंडिया बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा नई पार्टी बनाकर विरोध करेगी इन पार्टियों का
बीजेपी अगर अपने रवैये में बदलाव करें तो मुस्लिम समाज उनके साथ जुड़ने को तैयार है।