पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के आवास पर 20 घंटे तक चला एनआईए का छापेमारी , छापेमारी में मगध जोन से बरामद भारी मात्रा में हथियार, कैश और डिजिटल डिवाइस 

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मगध एवं शाहाबाद में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने की साजिश को नाकाम करने के उद्देश्य से चलाए गए अभियान के तहत राज्य के गया और कैमूर जिलों में कुल पांच स्थानों पर छापेमारी किया गया और बिहार के गया जिले के चार स्थानों पर छापेमारी की गई।

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एनआईए की तीन विभिन्न स्थानों पर लगभग 20 घंटे तक तलाशी ली गई। तलाशी में साजिश मामले में तीन संदिग्धों के घर और कार्यालय परिसर शामिल थे, एनआईए की जांच में पाया गया कि तीनों मगध क्षेत्र में अपनी नक्सली गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए सीपीआई (माओवादी) के नेताओं को धन और हथियार के सहायता प्रदान करने में शामिल थे।

वंही गया शहर के व जदयू के पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के आवास पर एनआईए की टीम सुबह 5 बजे पहुँची और पूरे घर को घेराबंदी कर तलाशी अभियान की शुरुआत करने लगी इस दौरान पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के प्लांट पर भी एनआईए की टीम पहुँची और प्लांट पर भी छापेमारी की गई छापेमारी के दौरान एनआईए की टीम को पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के घर से दस हथियार व 4.03 करोड़ नकद, विभिन्न डिजिटल उपकरणों के साथ आपत्तिजनक दस्तावेज को बरामद किया गया है। वंही उनके प्लांट से एनआईए की टीम ने दस हार्डडिस्क को भी बरामद किया है।

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वंही गया जिले के बाँके बाजार प्रखंड में एनआईए की टीम ने द्वारिका यादव के घर और ऑफिस पर भी छापेमारी की जँहा से भी डिजिटल उपकरणों के साथ कई दस्तावेज को बरामद किया है।

वंही 20 घंटे तक चले इस छापेमारी के दौरान बरामद रुपये को गिनती करने के लिए कई मशीनों को मंगाया गया और रुपये को रखने के लिए बॉक्स को भी मंगाया गया। जिसके बाद बरामद रूपए की गिनती का कार्य शुरू किया गया और दोपहर से लेकर रात तक नोटों की गिनती के बाद तकरीबन 1 बजे एनआईए की टीम पूर्व एमएलसी के आवास से सभी बरामद सामानों को लेकर पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ रवाना हुई।

इस संबंध में पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी ने बताया कि हमको कुछ पता भी नही था और सुबह 6 बजे एनआईए की टीम ने छापेमारी की है।एनआईए की टीम के जो अधिकारी लोग थे जो पेपर मांगें वो सारा पेपर मौजूद था सारा पेपर उनको दे दिए कि हम राजनीतिक भी करते है, मेरा व्यापार भी चलता है, मेरा होटल भी है, मेरा ठीकेदारी भी है तो सारा पेपर उनको दे दिया।

वंही उन्होंने रुपये की बरामदगी को लेकर कहा कि जो भी रुपये है उसका सारा कागजात मेरे पास है और जो कर्मचारियों को देने के लिए पैसा होता है उसके लिए रखे हुए थे और बरामदगी रुपये के बारे में हमको कोई भी जानकारी नही दिया गया है वंही उन्होंने हथियारों की बरामदगी को लेकर कहा कि ऐसा कोई बात नही है और जो पेपर लेकर गए है उस पर हम अपना हस्ताक्षर किए है

वही एनआईए के द्वारा जारी किया गया एनआईए के द्वारा जारी किया गया प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि 19 सितंबर 2024 सीपीआई (माओवादी) मगध जोन पुनरुद्धार मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गुरुवार को की गई व्यापक तलाशी में बिहार से भारी मात्रा में हथियार, नकदी और आपत्तिजनक डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज बरामद हुए।

मगध जोन में प्रतिबंधित संगठन को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने की सीपीआई (माओवादी) की साजिश को नाकाम करने के उद्देश्य से चलाए गए अभियान के तहत राज्य के गया और कैमूर जिलों में कुल पांच स्थानों पर तलाशी ली गई। तलाशी में साजिश मामले में तीन संदिग्धों के घर और कार्यालय परिसर शामिल थे, एनआईए की जांच में पाया गया कि तीनों मगध क्षेत्र में अपनी नक्सली गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए सीपीआई (माओवादी) के नेताओं को धन और रसद सहायता प्रदान करने में शामिल थे।

जब्ती में विभिन्न बोर के दस हथियार, रुपये शामिल थे। 4.03 करोड़ नकद, विभिन्न डिजिटल उपकरणों के साथ आपत्तिजनक दस्तावेज।

यह मामला 7 अगस्त 2023 को औरंगाबाद जिले के गोह थाना क्षेत्र से सीपीआई (माओवादी) के दो कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से उत्पन्न हुआ। आरोपी रोहित राय और प्रमोद यादव के पास से हथियार और गोला-बारूद के साथ-साथ सीपीआई (माओवादी) मगध जोनल सांगठनिक समिति से संबंधित पुस्तिकाएं मिलीं।

एनआईए ने 26 सितंबर 2023 को जांच अपने हाथ में ली और 20 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। एजेंसी ने इस साल फरवरी में रोहित और प्रमोद के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया और पाया कि दोनों अपने सहयोगियों के साथ मिलकर क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) के खत्म हो रहे आंदोलन को फिर से जिंदा करने और इसकी हिंसक राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे थे।

इस मामले में अब तक कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एनआईए ने मार्च 2024 में आरोपी अनिल यादव उर्फ अंकुश और सीपीआई (माओवादी) पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा के खिलाफ पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किया था। जुलाई में अपने दूसरे पूरक आरोपपत्र में एनआईए ने एक अन्य आरोपी अनिल यादव उर्फ छोटा संदीप का नाम लिया था। मामले में आगे की जांच जारी है।

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