मगध विश्वविद्यालय के राधाकृष्णन सभागार में आज आईक्यूएसी (आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ) द्वारा “नैक एक्रेडिटेशन: चुनौतियां और अवसर” विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो एसपी शाही और अन्य पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।
कार्यक्रम में प्रो मुकेश कुमार, समन्वयक, आईक्यूएसी ने स्वागत भाषण दिया और कुलपति महोदय के सक्षम नेतृत्व में मगध विश्वविद्यालय द्वारा पिछले सात वर्षों से वार्षिक गुणवत्ता आश्वासन रिपोर्ट (एक्यूएआर) सफलतापूर्वक जमा करने के लिए सभी शिक्षकों, विभागों और शिक्षकेत्तर कर्मियों का आभार व्यक्त किया।
कुलसचिव प्रो बिपिन कुमार ने इस उपलब्धि के लिए प्रो आरुण कुमार और कुलपति महोदय के मार्गदर्शन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है। वहीं, दाउदनगर कॉलेज के प्राचार्य प्रो शमशुल इस्लाम ने अपने अनुभव साझा करते हुए बीपीएससी द्वारा नियुक्त सहायक प्राध्यापकों की कार्यक्षमता की सराहना की।
विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो वीरेंद्र कुमार ने विश्वविद्यालय के पिछले डेढ़-दो वर्षों के प्रयासों की चर्चा की और उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद जताई। मुख्य वक्ता प्रो अरुण कुमार ने नैक एक्रेडिटेशन के संदर्भ में चुनौतियों और अवसरों पर अपने विचार रखे और आईक्यूएसी टीम की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। उन्होंने विश्वविद्यालय को इंडिया टुडे और एनआईआरएफ जैसी प्रतिष्ठित रैंकिंग में भाग लेने की सलाह दी।
समापन पर कुलपति प्रो शाही ने अध्यक्षीय भाषण में आईक्यूएसी के सभी सदस्यों और विश्वविद्यालय के विभागों, शिक्षकों एवं कर्मियों को इस सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने सभी से विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की।