गया जन्तु विज्ञान विभाग एवं बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के संयुक्त तत्वावधान में “कर्रेंट एनवीरन्मेंटल इश्यूज एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट फ़ॉर ह्यूमन वेलफेयर” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी में केंद्रीय विश्वविद्यालय तमिलनाडु के कुलपति प्रोफेसर एम कृष्णन, राँची विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजित कुमार सिन्हा, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के कुलपति प्रोफेसर वीएस झा, पूर्व कुलपति प्रोफेसर बीडी जोशी,प्रोफेसर बीएन पांडेय , प्रोफेसर अनिता यादव, प्रोफेसर मधु त्रिपाठी,प्रोफेसर संदीप कुमार मल्होत्रा, प्रोफेसर नलिन कुमार शास्त्री, पूर्व संकायाध्यक्ष विज्ञान संकाय, मगध विश्वविद्यालय उपस्थित रहे।
इस संगोष्ठी में पर्यावरण में हो रहे परिवर्तन एवं उससे मानव जाति पर प्रभाव की परिचर्चा की गई। उद्धघाटन समारोह में अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र एवं भगवान बुद्ध की प्रतिमा दे कर कुलपति प्रोफेसर एसपी शाही ने किया। प्रो एसपी शाही ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय सेमिनार एवं साइंटिफिक सम्मेलन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। हम सभी को पर्यावरण की सुरक्षा करनी चाहिए।
प्रथम सत्र में केंद्रीय विश्वविद्यालय तमिलनाडु के कुलपति प्रोफेसर एम कृष्णन ने अपने वक्तब्य में आपने विश्वविद्यालय तमिलनाडु की कार्यशैली की चर्चा करते हुए कहा कि कुलपति का काम केवल कार्यालय में काम करना ही नही बल्कि विभागों , खेल एवं अन्य व्यवस्था पर भी ध्यान देने की जरूरत है। विश्वविद्यालय में पर्यावरण पर भी बहुत ही विशेष ध्यान रखना चाहिए।दूसरे वक्ता प्रोफेसर बीएस झा कुलपति भूपेन्द्र नारायण मंडल ने बताया कि आर्गेनिक प्रोडक्शन की विधि पर जोर देना चाहिए।
मखाना पर हो रहे शोध एवं उनके विभिन्न किस्म एवं उनके उत्पादन पर चर्चा की। अगले सत्र में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की अनिता यादव ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपना व्यख्यान दिया ।इस संगोष्ठी में विभिन्न विश्वविद्यालयों से लगभ 250 वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। मगध विश्विद्यालय अंतर्गत अंगीभूत में संबंध महाविद्यालय से आये अध्यापकों ने अपना शोध पत्र पढ़ा।
इस आयोजन के संयोजक प्रोफेसर दिलीप केशरी , प्रोफेसर सिद्घनाथ प्रसाद यादव , डॉ भृगुनाथ, डॉ सरफराज अली, डॉ बीरेंद्र कुमार, पुनम सिंह, निक्की कुमारी, आभा कुमारी आयोजन सचिव एवं बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग के समन्वयक डॉ एल के तरुण ने उक्त जानकारी दी।