मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल मिलने के बाद दिव्यांग जनों के जीवन में आए सुखद परिवर्तन

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                       राजेश मिश्रा

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गया।मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत संचालित सम्बल योजना के तहत बैटरी संचालित ट्राई साइकिल का लाभ लेने के लिए बबीता कुमारी, पिता मुरारी प्रसाद ग्राम करमौनी प्रखंड डोभी जो स्नातक की छात्रा है और इनका दिव्यंगता 85% है। इनका व्यवसाय ट्यूशन पढ़ना है।

इन्होंने बताया कि इन्हें ट्यूशन पढ़ने के लिए घर से 4 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। इस कारण इन्हें भारी समस्या का सामना करना पड़ता था। पूर्व में यह हाथ से चलाये जाने वाले तिनपहिया ट्राई साइकिल से जाती थी, जिसमें बहुत ज्यादा थक जाती थी। पहुंचने में भी विलंब होता था, पर मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल मिलने के बाद उनके जीवन में सुखद परिवर्तन आया है।

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अब यह बहुत कम समय में गंतव्य पर पहुंच जाती हैं समय भी बचता है और ट्यूशन की संख्या भी बढ़ जाने के कारण आय भी बढ़ गई है।इसी प्रकार दिलीप विश्वकर्मा, पिता रामचंद्र मिस्त्री, ग्राम कुंडल प्रखंड बांके बाजार इनका दिव्यंगता 80% है। इनका व्यवसाय दुकान है। इन्होंने बताया कि घर से उनकी दुकान 3 किलोमीटर की दूरी पर थी। घर से दुकान पहुंचने में बहुत समय लगता था।

हाथ से खींचे जाने वाला तीन पहिया मिला था, पर उसमें थकान भी बहुत आती थी। मोटर युक्त तीन पहिया मिलने के बाद से इनका जीवन बदल गया। अब यह दुकान समय पर तो पहुंचते ही हैं साथ मे दुकान की सामग्री भी स्वयं क्रय कर ले आते हैं। दूसरों पर निर्भरता तो घटी है साथ मे इनकी आय में वृद्धि भी हुई है।

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