गया मगध विश्विद्यालय, बोधगया अन्तर्गत शिक्षा विभाग के राधाकृष्णन सभागार में अधिषद् की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो एसपी शाही ने की। मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसपी शाही ने अपने अभिभाषण में विश्वविद्यालय की प्रगति, शैक्षणिक सुधारों, प्रशासनिक पारदर्शिता और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा किया। उन्होंने कहा कि मगध विश्वविद्यालय
बिहार का एक प्रमुख शिक्षण संस्थान है, जिसे शैक्षणिक गुणवत्ता और शोध कार्यों में सुधार लाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत रहना होगा। विश्वविद्यालय में 200 से अधिक सेमिनार आयोजित किए गए, जिनमें विभिन्न विषयों पर विद्वानों और विशेषज्ञों ने विचार-विमर्श किया। विश्वविद्यालय में प्रशासनिक कार्यों को अधिक पारदर्शी बनाने की आवश्यकता जताई गई। 65 सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन का भुगतान सुनिश्चित किया गया है, जबकि 87 पेंशनभोगियों को ग्रेच्युटी और अन्य रिटायरमेंटल बेनिफिट्स प्रदान किए गए हैं।
इससे प्रशासनिक कुशलता और कर्मचारियों में विश्वास की भावना बढ़ी है। विश्वविद्यालय में पहली बार जन कोषांग का गठन किया गया है, जिससे प्रशासनिक कार्यों की दक्षता में वृद्धि होगी। 2015 के बाद से मगध विश्वविद्यालय में नैक का मूल्यांकन नहीं हुआ है, लेकिन इसके लिए प्रयास जारी हैं। पिछले 9 वर्षों की वार्षिक रिपोर्ट जमा कर दी गई है, जिससे विश्वविद्यालय की प्रगति और शोध की गुणवत्ता में सुधार का आकलन किया जा सकेगा।
शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आईक्यूएसी का गठन किया गया है। कुलपति ने कहा कि यह विश्वविद्यालय में अकादमिक गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा। विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये की परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है। रोजगारपरक शिक्षा पर बल देते हुए बताया गया कि प्लेसमेंट सेल की स्थापना की गई है, जिससे छात्रों को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। साथ ही, 22.5 करोड़ रुपये की एक महत्वपूर्ण
परियोजना तैयार की गई है, जो विश्वविद्यालय के विकास में सहायक होगी। जुलाई 2025 से विश्वविद्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की पढ़ाई शुरू की जाएगी। यह कोर्स एक अलग भवन में संचालित होगा और इसमें स्नातकोत्तर स्तर तक की पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध होगी। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा। वित्तीय परामर्शी श्री अरुण कुमार श्रीवास्तव ने सत्र 2025-26 का बजट पेश किया। मगध विश्वविद्यालय का कुल बजटीय घाटा
1362,38,67,060/- रुपये का पेश किया गया। विश्वविद्यालय की वार्षिक आय 469,73,83,830/- रुपये का रहा। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के विकास कार्यो के लिए 455,85,00,000/- रुपये मात्र भी सरकार से अपेक्षित है। वरिष्ठ शिक्षाविद अनिल सुलभ ने विश्वविद्यालय में हिंदी में पत्राचार को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यों और आधिकारिक पत्र-व्यवहार में हिंदी का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। श्री संजय पासवान ने इस पहल का समर्थन किया और इसे लागू करने की सिफारिश की। प्रो सुजय कुमार ने इसी वर्ष से महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई शुरू कराने की सिफारिश की।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। बिहार विधानसभा के विधायक रामबली यादव ने कहा कि बिहार के आर्थिक पर्यवेक्षण में 38% की प्रगति दर्ज की गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा कि स्नातक सत्र 2024-28 के परीक्षा फॉर्म जल्द से जल्द भरे जाएं और कॉपी जांच के लिए विश्वविद्यालय से बाहर मूल्यांकन के लिए नहीं भेजे जाएं। विश्वविद्यालय अतिथि भवन को रहने योग्य बनाने की आवश्यकता जताई गई। इस सत्र से छात्रों की उपस्थिति (अटेंडेंस) ऑनलाइन दर्ज की जाएगी, इसकी घोषणा
कुलसचिव ने की। शिक्षकों के स्थानांतरण का समय कम से कम 5 या 10 वर्षों के अंतराल में तय किया जाएगा, ताकि महाविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बनी रहे। विधायक सुजय यादव ने मुंद्रिका यादव कॉलेज के प्रिंसिपल को वित्तीय प्रभार न होने और वहाँ की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए। अंत में राष्ट्रगान के साथ बैठक सम्पन्न हुई।