आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण और बुनियादी ढांचे के विस्तार के बीच संतुलन स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास
राजेश मिश्रा
भारत का केंद्रीय बजट 2025 आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण और बुनियादी ढांचे के विस्तार के बीच संतुलन स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत इस बजट को व्यापक स्तर पर मध्यम वर्ग, किसानों, उद्यमियों और गिग अर्थव्यवस्था के श्रमिकों के लिए लाभकारी है।
सरकार ने इस बजट में कर राहत, कृषि सुधार, औद्योगिक विकास, बुनियादी ढांचे में निवेश और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है। बजट 2025 में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। कर सुधारों के तहत आयकर की प्रारंभिक छूट सीमा को बढ़ाया गया है, जिससे आम नागरिकों के हाथ में अधिक धनराशि उपलब्ध होगी। इससे घरेलू उपभोग बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था में मांग को बल मिलेगा।
इसके अलावा, गृह ऋण पर ब्याज में कटौती और कर छूट की सीमा बढ़ाने जैसे कदमों से रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा होने की संभावना है। कृषि क्षेत्र में सरकार ने किसान कल्याण योजनाओं को प्राथमिकता देते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि और कृषि ऋण योजनाओं में सुधार किए हैं। किसानों को सस्ते दरों पर ऋण उपलब्ध कराने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं की घोषणा की गई है। सरकार ने तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल कृषि प्लेटफॉर्म को मजबूत करने का निर्णय भी लिया है,
जिससे किसानों को बाजार से सीधा जुड़ने की सुविधा मिलेगी। बजट में गिग अर्थव्यवस्था और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। नई कल्याणकारी योजनाओं के तहत स्वास्थ्य बीमा और पेंशन सुविधाओं के विस्तार का उचित प्रबन्धन किया गया है, जिससे इन श्रमिकों की आजीविका को सुनिश्चित किया जा सके। सरकार ने स्टार्टअप और छोटे उद्यमों के लिए कर में विशेष छूट और वित्तीय सहायता की घोषणाएं भी की हैं,
जिससे उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वर्तमान बजट में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में सरकार ने बड़े पैमाने पर निवेश की घोषणा की है। इसमें विशेषकर परिवहन, रेलवे, सड़क निर्माण, हवाई अड्डों और स्मार्ट शहरों के विकास के लिए भारी पूंजीगत व्यय प्रस्तावित किया गया है। इससे देश में लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में मदद मिलेगी और सकल औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और हरित हाइड्रोजन मिशन को गति देने के लिए भी बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं। डिजिटल इंडिया और तकनीकी विकास को ध्यान में रखते हुए सरकार ने विभिन्न योजनाओं की घोषणा की है। डिजिटल भुगतान को और अधिक सुलभ बनाने के लिए नई पहलें शुरू की गई हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी डिजिटल तकनीक के माध्यम से सुधार लाने के लिए धन आवंटित किया गया है।
डिजिटल विश्वविद्यालयों और ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए बजट में विशेष फंडिंग की गई है, जिससे शिक्षा तक पहुंच आसान होगी। वर्तमान बजट में दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता की स्पष्ट झलक देखने को मिलती है। कुल मिलाकर, केंद्रीय बजट 2025 मध्यम वर्ग, किसानों और उद्योगों के लिए संतुलित एवं विकासोन्मुखी बजट है। इसमें सरकार ने राजकोषीय अनुशासन और आर्थिक विकास के बीच संतुलन साधने का प्रयास किया है।