राजेश मिश्रा र
कहा उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्राओं द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन दिया जा रहा है, यह एक बहुत ही सुखद बदलाव है
गया।दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय सीयूएसबी में 20 अक्टूबर, 2023 शुक्रवार को आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह के दौरान महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नें कहा वर्तमान में प्रायः सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्राओं द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन दिया जा रहा है, यह एक बहुत ही सुखद बदलाव है।यह एक बेहतर समाज के निर्माण में भारत की प्रगति की ध्यातव भी है।यह वक्तव्य महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने विजिटर (कुलाध्यक्ष) एवं मुख्य अतिथि के रूप दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में 20 अक्टूबर, 2023 (शुक्रवार) को आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह के दौरान दी।अपने दीक्षांत संबोधन में महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि उपाध्याय (डिग्री) प्राप्त करने वाले दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों को मैं बहुत – बहुत बधाई देती हूँ।वहीँ उत्कृष्ट प्रदर्शन देते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र – छात्राओं की मैं विशेष सराहना करती हूँ।मुझे यह बताया गया है कि
दीक्षांत समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन देने वाले विद्यार्थियों के लिए स्वर्ण पदकों की कुल संख्या 103 है जिसमें से 66 पदक हमारी बेटियों ने हासिल किया है
आज जिन 25 विद्यार्थियों ने मंच पर आकर मुझसे गोल्ड मेडल प्राप्त किया उसमें से भी 18 बेटियां थीं और साथ छात्र थे। सभी देशवासी इस बात पर गर्व करते हैं कि बिहार की इसी धरती पर विश्व की पहली लोकतांत्रिक व्यवस्था फली फूली थी।संविधान सभा के अंतिम भाषण में बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर ने कहा था कि संविधान में प्राचीन साम्राज्यों में शामिल बौद्ध साम्रज्य से भी प्रेरणा ली गई है।भारत के संविधान एवं आधुनिक गणराज्य के निर्माण में भी बिहार की
इस महान धरती से डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद के साथ – साथ बिहार के अनेक विभूतियों ने अमूल्य योगदान दिया है
प्राचीन काल से ही बिहार की यह धरती प्रतिभाओं को विकसित करने में प्रसिद्द रही है। चाणक्य और आर्यभट्ट जैसे विद्वानों ने सामाजिक व्यवस्था के साथ – साथ गणित तथा विज्ञान के छेत्र में क्रांतिकारी योगदान दिए जिससे पूरे मानवता के विकास में सहायता प्राप्त हुई। इस विश्वविद्यालय में भी स्कूल के भवनों के नाम आर्यभट्ट भवन एवं चाणक्य भवन रखा गया है जो काफी सराहनीय है।इस विश्वविद्यालय के आचार्यगण (प्राध्यापकगण) एवं विद्यार्थियों द्वारा विश्वस्तरीय शिक्षण और शोध करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है जो काफी प्रशंसनीय है।अंत में महामहिम ने कहा कि मैं विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से यह आह्वान करना चाहूंगी की आज के इस परिवर्तन वाले दौर में देश और विश्व के निर्माण की दिशा में वे अहम भूमिका निभा सकते हैं।
सम्मानित अतिथि के रूप में दीक्षांत समारोह में उपस्थित महामहिम राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अपने संबोधन में सीयूएसबी के उत्कृष्ट पठन – पाठन की व्यवस्था एवं नियमित सत्र संचालन की सराहना की।उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के. एन. सिंह को सम्बोधित करते हुए कहा कि नियमित सत्र की तरह दीक्षांत समारोह का भी आयोजन प्रतिवर्ष होना चाहिए और विद्यार्थियों को समय पर उनकी डिग्री वितरित कर देनी चाहिए।