राजेश मिश्रा
गया,मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के इतिहास विभाग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अधिवेशन रविवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। दो दिन चार प्रभाग के आठ सत्र में शोध पत्रों को प्रस्तुत किया गया। जिस पर प्रभागाध्यक्ष की महत्वपूर्ण टीप के साथ सम्यक चर्चा की गई।
स्थानीय सचिव प्रो नृपेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्राचीन, मध्यकालीन,आधुनिक एवं समकालीन सत्र में कुल 104 शोध आलेख प्रस्तुत हुआ जिसमें इतिहास को मौलिक स्रोतों के सहारे एक नवीन दृष्टि से देखने का प्रयास किया गया।
इस अवसर पर प्रो रामलखन शुक्ल स्मृति व्याख्यान की प्रस्तुति प्रो जे एन सिन्हा दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा दी गई। उपस्थित इतिहासकारों ने गांधी और बिहार शीर्षक पर भी विचार मंथन किया। समापन सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ इतिहासकार प्रो पी के शुक्ला ने करते हुए अपने विचार से शोधार्थियों को लाभान्वित किया।
महासचिव प्रो दयानंद रॉय ने बिहार इतिहास परिषद के प्रतिवेदन को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर द्वादश अधिवेशन के लिए मुंगेर विश्वविद्यालय के जे आर एस कॉलेज, जमालपुर के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की गई।
नवीन पदाधिकारियों एवं कार्यसमिति की भी घोषणा की गई जिसमें मगध विश्वविद्यालय के प्रो नृपेंद्र श्रीवास्तव एवं प्रो मुकेश कुमार को शामिल किया गया। परिषद के दिवंगत सदस्य प्रो विवेकानंद शुक्ला को श्रद्धांजलि दी गई। देश भर से आए इतिहास के विद्वानों ने मगध विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में आयोजित इस शानदार आयोजन की सराहना की। आभार ज्ञापन प्रो मनीष सिन्हा ने प्रस्तुत किया।