मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के 64वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन भव्यता और उत्साह के साथ किया गया। इस विशेष अवसर पर बिहार विधान परिषद् के माननीय सभापति श्री अवधेश नारायण सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में बिहार विधान परिषद् के माननीय सदस्य डॉ संजीव कुमार सिंह शामिल हुए। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसपी शाही ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप
प्रज्वलित कर किया गया। इसके पश्चात् विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया, जिससे संपूर्ण सभागार मंत्रमुग्ध हो गया। कुलपति प्रो शाही ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि मगध विश्वविद्यालय स्थापना के समय से ही बिहार में शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता रहा है। उन्होंने अपने कार्यकाल की प्राथमिकताओं को साझा
करते हुए बताया कि विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए लंबित परीक्षाओं को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया गया और सफलतापूर्वक पूरा किया गया। परीक्षा और सत्र को नियमित करने के लिए विगत दो वर्षों में अथक प्रयास किए गए हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि नैक के लिए नौ वर्षों की वार्षिक रिपोर्ट पोर्टल पर जमा कर दी गई है और विश्वविद्यालय जल्द ही नैक ग्रेडिंग के लिए प्रस्तुत होगा, इस विश्वास के साथ कि “A” ग्रेड प्राप्त किया जाएगा।
शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय ने 5 करोड़ रुपये की विशेष निधि स्थापित की है, जिसके तहत शिक्षक पांच लाख रुपये तक का शोध अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के आधारभूत ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) के विकास हेतु 1000 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है, जिसमें 400 करोड़ रुपये शीघ्र ही प्राप्त होने की संभावना है। तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय ने पटना आईआईटी के सहयोग से
शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रशिक्षण दिलवाया है। जल्द ही विश्वविद्यालय में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा तथा डिग्री कोर्स प्रारंभ किए जाएंगे। कुलपति ने देवी अहिल्याबाई होल्कर पीठ के निर्माण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूज्य सत्येंद्र बाबू और महंत शतानंद गिरी जी के योगदान को सम्मान देने के लिए विश्वविद्यालय में उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मुख्य अतिथि श्री अवधेश नारायण सिंह ने
विश्वविद्यालय परिसर में हरियाली बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने इसे बिहार सरकार की “जल-जीवन-हरियाली” योजना के अनुरूप एक महत्वपूर्ण कदम बताया। साथ ही, उन्होंने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे अपने विधायक निधि का 10 प्रतिशत हिस्सा मगध विश्वविद्यालय के विकास के लिए प्रदान करें। विशिष्ट अतिथि डॉ संजीव कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के
समुचित विकास के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता है। तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए फंड की उपलब्धता अनिवार्य है। टिकारी के विधायक श्री अनिल कुमार , जो स्वयं मगध विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रह चुके हैं, ने कहा कि वह इस विश्वविद्यालय की मिट्टी से भली-भांति परिचित हैं और इसे इसके गौरवशाली अतीत की ओर लौटते देखना चाहते हैं।
समारोह के दौरान देवी अहिल्याबाई होल्कर जयंती पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के मासिक न्यूज़लेटर एवं देवी अहिल्याबाई होल्कर स्मारिका का भी विमोचन किया गया।समारोह के अंत में कुलसचिव डॉ विपिन कुमार ने सभी अतिथियों, विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।