अटल जी को पूरा देश  राष्ट्र निर्माण के योगदान के प्रति सदा रहेगा कृतज्ञ:डॉ प्रेम कुमार 

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        गया से धीरज गुप्ता की रिपोर्ट

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गया।भाजपा के वरीय नेता व बिहार सरकार के सहकारिता सह पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई के जयंती के अवसर पर भाजपा नगर कार्यालय में समारोह मनाते हुए कहा कि आज पूरा देश अपने भारत रत्न अटल के उन आदर्शों को याद कर रहा है जिनके कारण वे सदा में अटल रहे,अडिग रहे हैं। आज उनके 100वीं जयंती के अवसर पर देश विदेश में उनकी याद में कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।उनकी कविता हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा। मेरा रग रग हिंदू, तन मन हिंदू।

सनातनियों में ऊर्जा का संचार भर देता है।पूरा देश उनके राष्ट्र निर्माण के योगदान के प्रति सदा कृतज्ञ रहेगा। सुशासन का अटल हो या कारगिल विजय का अटल हो। नदियों के जोड़ने की बात करने वाले अटल हो। लाहौर बस यात्रा करने वाले अटल हो। परमाणु विस्फोट कर दुनिया के शक्तिशाली देशों से नहीं डरने वाले अटल हो। देश में स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को लाने वाले अटल हो।

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अन्नपूर्णा, अंतोदय, बीपीएल योजना से जनकल्याण करने वाले अटल हों। 24 दलों की तीन देवियों ममता मायावती जयललिता के साथ में लेकर सरकार चलाने वाले अटल हो। संयुक्त राष्ट्र संघ में पहली बार हिंदी में गूंज वाले अटल हो या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से गांव की सड़कों का हालात बदलने वाले अटल हो।

दिल्ली मेट्रो की शुरुआत करने वाले अटल हो या सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत करने वाले शिक्षा जगत में क्रांति लाने वाले अटल हो। परमाणु परीक्षण के बाद भी दुनिया के दबाव में भारत को नहीं झुकने देने वाले व्यक्ति का नाम ही अटल बिहारी वाजपेई है। संसद में कहा गया उनका यह वाक्य_सरकारें आएंगे, जाएंगे, पार्टियां बनेगी,बिगड़ेगी, मगर यह देश रहना चाहिए। आज भी यह मंत्र हर भारतीयों के मन में गूंजता रहता है। आपातकाल में जेल जाकर भी संविधान के हित का संकल्प दोहराने वाले अटल जी ही थे।

अटल जी का भारतीय संस्कृति से भी बहुत लगाव था। वह एक ऐसे कवि और लेखक थे जिनके शब्द हर विपरीत परिस्थिति में व्यक्ति को आशा और नव सृजन की प्रेरणा देता था। अटल हर वर्ग, हर उम्र के कार्यकर्ताओं के प्रिय पात्र थे अटल से बहुत कुछ सीखने को हमें भी मिला है। सत्ता और विचारधारा में जब भी उनको चुनने का अवसर मिला तो वे हमेशा विचारधारा को चुना,सत्ता को नहीं। ऐसे आज के राजनीति में विरले राजनीतिज्ञ ही होंगे।

अटल के 100वीं जयंती पर हजारों ऐसे उनके कारनामे होंगे जिन्की चर्चा करने पर समय कम पड़ जाएगा। अंत में उन्हीं के शब्दों के साथ अपनी वाणी को विराम दूंगा_ मैं जी भर जिया, मैं मन से मारूं, लौट कर आऊंगा, कुच से क्यों डरूं?

हे अटल तू थे सर्वदा अटल। आपके चरणों में श्रद्धा के सत_सत पुष्प के साथ नमन। इस कार्यक्रम भाजपा प्रदेश लघु उद्योग प्रकोष्ठ के सहसंयोजक प्रेम सागर, जिला महामंत्री पप्पू चंद्रवंशी, रुपेश वर्मा, ऋषि लोहानी, सोनू साह, सुधीर कुमार सिंहा विकास कुमार, रोशन कुमार, अमर यादव, शशि सिंहा,दीनानाथ प्रसाद, गुड्डू कुमार, महेन्द्र कुमार, भी मंत्री जी के साथ उपस्थित थे।

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