औरंगाबाद। दाउदनगर अंचल कार्यालय से एक अजब मामला सामने आया है। दाऊदनगर प्रभारी अंचलाधिकारी मनोज कुमार गुप्ता ने जिस भूमि को कुछ दिन पूर्व सरकारी भूमि बताया था। कुछ दिनों के बाद उसी भूमि का म्यूटेशन उन्हीं अंचलाधिकारी के कर कमलों से सफलतापूर्वक कर दिया गया है।अब इसे पैसों का खेल कहेंगे या सरकारी चूक यह हम पाठकों पर छोड़ते हैं। क्यों की अगर रैयती भूमि को जांच के दौरान सरकारी भूमि बताया जाए तो अंचलाधिकारी की कार्य प्रणाली धन्य है।
वहीं सरकारी भूमि जानते हुए उसका म्यूटेशन हो जाए तो सीओ की ईमानदारी धन्य है। उक्त आरोपों के सामने आने के बाद दाऊदनगर प्रभारी अंचलाधिकारी के सरकारी मोबाईल नंबर 8544412429 पर संपर्क किया गया तो सीओ द्वारा मामले को सुनने के बाद पहले तो बातों में घुमाने की कोशिश की गई। परंतु पत्रकार ने जब बयान मांगा तो वो ये कहकर मुकर गए की वो फोन पर बयान नहीं देंगे।
जानिए क्या है मामला
मामला दाऊदनगर अंचल क्षेत्र के खाता संख्या -405, प्लॉट संख्या – 691 से जुड़ा है। गौरतलब है की आवेदिका पुष्पा कुमारी द्वारा म्यूटेशन हेतु दिनांक 15 अप्रैल 2022 को दिए गए आवेदन को दाऊदनगर अंचल कार्यालय द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया था और आवेदन रिजेक्ट का कारण संबंधित भूमि को मालिक गैरमजरुआ बताया गया था।
पुनः आवेदिका द्वारा 17 जनवरी 2023 को आवेदन दिया गया। परंतु इस बार दाऊदनगर अंचल कार्यालय पूरी तरह मेहरबान दिखी और बिना एक पल गंवाए म्यूटेशन कर दिया गया। अब सवाल यह है कि क्या शुरुआती जांच में कर्मचारी और राजस्व अधिकारी से चूक हुई या इसका कारण कुछ और है। खैर मामला जो भी हो मगर आए दिन जमीनी विवाद में हो रही हत्याओं के बीच अंचल कार्यालय का इस तरह का रैवया कितना उचित है यह या तो ऊपर वाले भगवान को पता है या फिर ऊपरवाले अधिकारी को।