औरंगाबाद। शहर के धर्मशाला रोड स्थित दुर्गा मंदिर के मुख्य द्वार का निर्माण कार्य आज यानी शुक्रवार के पूर्वाह्न शुरू हो गया है।निर्माण से पूर्व मंदिर संचालन समिति के पदस्थ अधिकारियों एवं सदस्यों ने पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की और शुभ मुहूर्त पर द्वार निर्माण के ढलाई काम शुरू कराया।
ढलाई के कार्य की विशेषता यह थी कि चांदी की बनी करनी से ढलाई की पहली कंक्रीट द्वार के पाये में डाली गई। इस दौरान जै माता दी के नारों से आस पास का वातावरण गूंज उठा। मां दुर्गा मंदिर का संचालन कर रही सरस्वती आराध्य समिति के अध्यक्ष पंकज वर्मा एवं सक्रिय सदस्य अजीत चंद्रा ने बताया कि वर्ष 1998 में दुर्गा मंदिर स्थापित हुआ था और धीरे धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ी।
मंदिर की भव्यता एवं दुर्गा पूजा आयोजन को लेकर मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था बढ़ी। उन्होंने बताया कि मंदिर के स्थापना के 25 वें वर्ष में इसका मुख्य द्वार काफी विशाल बनाया जा रहा है।जो दक्षिण भारतीय के मंदिर के द्वार की तरह होगी और यह बिहार झारखंड स्थित मंदिरों में स्थापित मुख्य द्वार में अपना स्थान रखेगी।
उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इस द्वार का स्वरूप बिहार में नंबर वन होगा। कहा कि मंदिर का भी सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है।जिसके अंतर्गत गर्भ गृह के दीवारों में उकेरी गई माता के नौ रूप की अब प्रतिमा बनाई जाएगी।जो मंदिर के सौंदर्य में चार चांद लगाएगी। मां के गर्भ गृह के ऊपर मां लक्ष्मी, मां सरस्वती एवं भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित है।उसको भी भव्य एवं आकर्षण बनाया जा रहा है।