औरंगाबाद। शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के वादाखिलाफी के विरोध में शिक्षकों के द्वारा एक मई को प्रतिरोध मार्च निकाला जाएगा। यह कार्यक्रम बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में आयोजित होनेवाला है।
इसी क्रम में विधान पार्षद जीवन कुमार अपने निर्वाचन क्षेत्र के सभी जिलों का दौरा करते हुए आज औरंगाबाद में पहुंचे। सर्किट हाउस में उन्होंने शिक्षकों के साथ एक बैठक की जिसमें जिले के विभिन्न प्रखंडों से बड़ी संख्या में शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष सम्मिलित हुए। श्री जीवन कुमार ने सबसे पहले उपस्थित शिक्षकों को पुष्पगुच्छ और फूलों की माला से सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि मेरी जीत शिक्षकों की जीत रही है। मेरे लिए शिक्षकों की खुशी ही सबसे बड़ी खुशी है। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने चुनाव से पहले वादा किया था कि हम सरकार में आते ही शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देंगे किंतु आज वादाखिलाफी करते हुए उसके द्वारा एक काला कानून लाया गया है जो शिक्षकों के साथ सौतेलेपन व्यवहार के रूप में है। यह शिक्षक वर्ग के लिए कतई उचित नहीं। इसके विरोध में हम सड़क से सदन तक शिक्षकों के साथ हैं।
आने वाले एक मई को सभी जिला मुख्यालयों में प्रतिरोध मार्च एवं धरना का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। मैं उस दिन गया के धरना में शामिल रहूंगा और यथासंभव अपने क्षेत्र के सभी जिलों का भ्रमण करते हुए धरना स्थल पर पहुंचकर शिक्षकों को उनके हक की लड़ाई के लिए प्रोत्साहित करूंगा। सरकार से हमारी मांग है कि सभी शिक्षकों, अतिथि शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को अविलंब राज्य कर्मी का दर्जा दे।
इस अवसर पर डॉ राकेश रंजन, रुपेश रंजन सिन्हा, डॉ हेरम्ब कुमार मिश्र, नरेंद्र कुमार सिंह, रवींद्रनाथ, रामप्रवेश कुमार निराला, रितेश कुमार सिंह, रणजीत कुमार सिंह, ओम प्रकाश दुबे, गयासुद्दीन, राजू कुमार राय, महेंद्र कुमार मिश्र,सुमन कुमार आदि कई शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में औरंगाबाद जिले के सभी प्रखंडों के अतिरिक्त गया से भी शिक्षक सम्मिलित हुए जिसमें रविंद्र कुमार पूर्व जिला उपाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ, गया की महती भूमिका रही।
कार्यक्रम का संचालन डॉ हेरम्ब कुमार मिश्र ने किया।