स्थानीय लोगों की भागीदारी बिना देवकुंड महोत्सव 2024 आयोजन कराया  जाना निन्दनीय

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औरंगाबाद।देवकुंड को पर्यटन स्थल का दर्जा देने तथा अगले महोत्सव आयोजन हेतु 25 लाख का आवंटन की मांगउक्त निर्णय जिले के जगरुक जनता ,जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की हुई बैठक में लिया गया ।बैठक बाबा दुग्धेश्वर नाथ मंदिर देवकुंड परिसर में महोत्सव के अध्यक्ष लालदेव प्रसाद की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

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महोत्सव पुरुष सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया की देवकुंड एक अति प्राचीन धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल है ।यहां च्वयन ऋषि का आश्रम, राजा दशरथ के पिंडदान करने गया जाने के क्रम में श्री राम, लक्ष्मण और मां सीताका विश्राम स्थल ,इसी क्षेत्र भृगुरारी मे भृगु ऋषि का आश्रम तथा महान कवि बाणभट्ट का भी इसी प्रखंड मे जन्मस्थली रहा है ।इसके बावजूद इस स्थल का ना तो अपेक्षित विकास हुआ और नहीं तो इस स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा मिल पाया है ।

इसी उद्देश्य से 2019 से देवकुंड महोत्सव आयोजन करने का प्रयास किया जा रहा था तथा इस महोत्सव को राजकीय महोत्सव घोषित किए जाने की मांग किया जा रहा था ।तब बहुत खुशी हुई जब देवकुंड महोत्सव 2024 के आयोजन हेतु कला , संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार ने 5 लख रुपए का आवंटन किया। परंतु जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों , जन प्रतनिधियों ,और न्यास समिति के सदस्यों के बिना भागीदारी और सलाह के देवकुंड महोत्सव का आयोजन कर खाना पूर्ति करने का कार्य किया जो निन्दनीय है।

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इसलिए सर्व सम्मति से इसके लिए जिला प्रशासन की निन्दा की गयी। साथ ही भविष्य में देवकुंड महोत्सव की रूपरेखा और उसका कार्यान्वयन स्थानीय जनता ,जनप्रतिनिधियों और न्याय समिति के सदस्यों के सहयोग और सलाह से किए जाने की मांग जिला प्रशासन से किया गया ।

विदित  हो कि महोत्सव का उद्देश्य उक्त स्थल के ऐतिहासिक गरिमा और धार्मिक महिमा को देश दुनिया तक पहुंचाना , इसके इतिहास को संयोजन हेतु स्मारिका का प्रकाशन , स्थानीय कलाकारों और छात्र-छात्राओं को प्राथमिकता के आधार पर मंच प्रदान किया जाना, साथ ही क्षेत्र के नाम रौशन करने वाले लोगों को और छात्र छात्राओं को सम्मानित किए जाने का होना चाहिए था जो नहीं किया गया। साथ ही खेलकूद और विभिन्न तरह के प्रतियोगिता भी आयोजित किया जाना चाहिए था।

भविष्य में इसको प्राथमिकता दिये जाने मांग जिला प्रशासन से किया गया।अगले प्रस्ताव में देवकुंड को पर्यटन स्थल दर्जा देने एवं स्थल का अपेक्षित विकास करने हेतु पर्यटन विभाग बिहार सरकार से मांग की गई साथ ही अगले महोत्सव हेतु 5 लाख से बढ़कर 25 लाख का आवंटन करने की मांग कला , संस्कृति एवं युवा विभाग विहार सरकार से किया गया।

बैठक में कृष्णनंदन सिंह, विजय कुमार अकेला, महोत्सव पुरुष सिद्धेश्वर विद्यार्थी, सत्यचंडी महोत्सव के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, बसंत यादव, सर्वेश कुमार सिंह, लोरिक यादव, गिरजा सिंह, गिरजा नंदन सिंह आदि थे।

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