स्थानीय बाजार एवं दुकानों की खरीददारी से स्थानीय अर्थव्यवस्था होगी मजबूत,पूर्व जिलाध्यक्ष 

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कृषि,व्यवसाय,और रोजगार के लिए बढ़ेंगे अवसर

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भारतीय जनता पार्टी के दो पूर्व जिलाध्यक्ष कृष्ण बल्लभ प्रसाद सिंह बबुआ एवं रामानुज पाण्डेय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आने वाले त्योहारों को देखते हुए लोगों से स्थानीय बाजार एवं दुकानों से खरीददारी करने की अपील किया है और लोगों को इसके फायदे भी बताए हैं दोनो अध्यक्षों ने कहा है कि

हमेशा अपने ही शहर के और जिले के दुकानों से खरीददारी करें, ऑन लाइन और बड़े बाहरी शॉप से खरीददारी से बचें

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ऑन लाइन से ज्यादा सस्ता और बढ़िया क्वालिटी स्वयं देख समझ कर अपने निकट के बाजार दुकान से खरीद सकते हैं।

इसके कई फायदे भी हैं।

लेने से पहले देखकर संतुष्टि हो सकते है और मोल भाव की गुंजाईस रहती है जिससे कम कीमत में संतोष जनक सामान ले सकते हैं।

आपके मुनाफे से आपके जिले शहर के लोगो को रोजगार भी मिलेगा और पैसा अपने शहर और जिले में ही रहेगा।

हर दुकानदार का परिवार तो इससे चलता ही है उसमे अपने जिले के लोगों को रोजगार भी मिलता है यानी लोगों को आप अपने जिले में रोजगार देने में बहुमूल्य सहयोग करते हैं।

बाजार जाएंगे तो अपने आस पास के उत्पादों को देखेंगे खरीदेंगे “लोकल फॉर वोकल” यानी स्थानीय उत्पादकता को कृषि और छोटे कुटीर उद्योग को बढ़ावा भी मिलेगा।

कभी पैसे पास नही हुए तो हमारे आस पास के दुकानदार हमे उधारी भी देते हैं यानी हमारे सुख दुख के सहभागी भी होते हैं, जो कि ऑन लाइन और मॉल वाले नही हो सकते।

सबसे बड़ी बात बड़े मॉल में हमे अपमान जनक तलाशी से गुजरना पड़ता है जबकि स्थानीय दुकानदार हमे इज्जत ,इलायची,बच्चों को टॉफी और उपहार भी अवश्य देते हैं।

सस्ता के चक्कर में कभी भी अनजान फेरी वालों से भी लेने से बचें जिन्हे आप नही जानते बाहरी होते हैं घटिया समान देकर गायब हो जाते हैं और बाद में पछताना पड़ता है।

बड़ी बड़ी कंपनियों के ऑन लाइन लुभावना में पड़ने से अच्छा है एक बार अपने बाजार भी जाएं और देखें समझें ।

हमारी सोच से हमारे जिले का बाजार रौनक हो सकता है या फिर उजड़ भी सकता है।

स्थानीय बाजार सम्पन्न होंगे तो रोजगार के अवसर बने रहेंगे अन्यथा युवा पलायन को या फिर अपराध की ओर जाएंगे।

अतः हमारी छोटी सी पहल बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकती है।

ऑन लाइन और मॉल में विदेशी सामान खूब बेचे जाते हैं और हम सस्ते के चक्कर में फसकर अपने धन विदेशों में भेज देते जिससे विदेशों के व्यापार उद्योग तो चलेंगे लेकिन अपने देश के व्यापार उद्योग चौपट हो रहे हैं।

इसका खयाल रखते हुए हमे स्थानीय बाजार से खरीददारी को ही बढ़ावा देना चाहिए।

आने वाले दिन में होली,छठ,रामनवमी और ईद है सभी लोग अपने परिवार के लिए बड़े खरीददारी करने वाले है इसलिए स्थानीय खरीददारी को बढ़ावा दें और मिलजुलकर खुशियां मनाएं अपने शहर और जिले को खुशहाल बनाएं।

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