औरंगाबाद। भारतीय जनता पार्टी ने पिछले कई वर्षों की मेहनत के बाद औरंगाबाद में अपना जनाधार बनाने में सफल रही है।लेकिन चुनाव के दौरान पार्टी नेतृत्व एक ही चेहरे के इर्द गिर्द घूमती नजर आती रही है। इसका एकमात्र कारण है कि एक पर विश्वास करने के बाद दूसरे उम्मीदवार पर भरोसा पार्टी नही करती।
कहने का मतलब है कि लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव, पार्टी में चुनाव उम्मीदवार के रूप में नए चेहरे को कभी मौका मिला ही नहीं।विधान परिषद के चुनाव में यह स्पष्ट दिख गया कि कैसे अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए पार्टी उम्मीदवार को लेकर आई।जिनका दूर दूर तक इसकी नीतियों और सिद्धांतों से कोई सरोकार नहीं रहा।
लोकसभा की भी स्थिति यही रही और पिछले दो टर्म से जदयू से नाता तोड़कर आए सुशील कुमार सिंह पर भरोसा जताना पड़ा।अभी भी तमाम विरोध के बाद भी वे भारतीय जनता पार्टी के जिताऊ उम्मीदवार के रूप में दिख रहे हैं और वे अपनी चौथी संसदीय पारी भी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से खेलने को तैयार है और उसके लिए जनसंपर्क भी किए जा रहे हैं।
लेकिन अब स्थितियों को बदलने की कोशिश जारी है। अभी सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति की चर्चा काफी हो रही है और यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि उक्त व्यक्ति जो साम, दाम, दण्ड भेद में किसी से कम नही है उनकी वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में सशक्त उम्मीदवारी की संभावना है और इसको लेकर उनके द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक शीघ्र ही औरंगाबाद में होने वाली है।
हालांकि पार्टी नेतृत्व की तरफ से ऐसे किसी भी संभावनाओं से इंकार किया जा रहा है।लेकिन उक्त व्यक्ति की के उम्मीदवारी की चर्चा राजनीतिक एवं सामाजिक स्तर पर हो रही है और ये व्यक्ति और कोई नही बल्कि देव में आयोजित सूर्य महायज्ञ के आयोजक एवं ओबरा के तेजपुरा निवासी प्रवीण सिंह।जो इस महायज्ञ के बाद चर्चा में आए।प्रवीण सिंह राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के क्षेत्र की एक बड़ी हस्ती माने जाते हैं।
अब लोगों की जुबान यह कहते सुनी जा रही है कि जो व्यक्ति रामभद्राचार्य जैसे अवतारी पुरुष को देव की धरती पर लाकर सूर्य नगरी ही नहीं बल्कि जिले के लोगों को उनके दर्शन कराकर कृतार्थ कर दिया। वह बहुत कुछ कर सकता है। लोगों का यह भी मानना है कि यदि ऐसे व्यक्ति औरंगाबाद के लोकसभा का प्रतिनिधित्व करें तो क्षेत्र की सभी समस्याओं का न सिर्फ निराकरण होगा।बल्कि चतुर्दिक विकास होगा।
हालांकि इस संबंध में जब प्रवीण सिंह से बात की गई तो उन्होंने पहले तो एक सिरे से राजनीति से दूर रहने की बात कही।लेकिन जब औरंगाबाद में लोगों के द्वारा और सोशल मीडिया पर उनके नाम की चर्चा होने की बात बताई गई तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनको कई फोन आए और लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने की सहमति मांगी गई। परंतु अभी इस संबंध में कोई विचार नहीं बनाया है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले उनके द्वारा पूरे क्षेत्र का सर्वे किया जाएगा और यह देखा जायेगा कि आम जनता के साथ साथ पार्टी के लोगों का उन्हे कितना सहयोग प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि यदि वे राजनीति में आते है और लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते है तो उनका कार्य विशुद्ध सेवा होगा। उसमे कही भी राजनीति नहीं होगी, बल्कि वे सिर्फ क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्धित रहेंगे।