सिविल कोर्ट के एडीजे चार की अदालत ने बहु के हत्यारोपी पति और सास को सुनाई आजीवन कारावास की सज़ा

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औरंगाबाद सिविल कोर्ट में एडिजे चार ब्रजेश कुमार सिंह की अदालत ने ओबरा थाना कांड संख्या 275/21 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए गुरुवार के अपराह्न मृतका रिंकी देवी के पति ओबरा थाना क्षेत्र के भरूब निवासी सुमन पटेल और सास लालती कुंवर को दहेज हत्या में दोषी करार देते हुए सज़ा सुनाई है।

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एपीपी देवेंद्र शर्मा ने बताया कि काराधीन बंदी पति और सास को भारतीय दंड विधान की धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा और पच्चीस हजार जुर्माना लगाया है।

जुर्माना न देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास होगी। वहीं भारतीय दंड विधान की धारा 304 बी में दस साल की सजा होगी। दोनों सजाएं साथ साथ चलेंगी। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि एक अन्य अभियुक्त सुमन पटेल के दोस्त सिकंदर यादव को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर रिहा कर दिया है।

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प्राथमिकी मृतका के भाई आदित्य राज बड़ोखर हसपुरा ने 03 नवंबर 2021 दर्ज कराई थी जिसमे मृतका के पति, सास और पति के दोस्त सिकंदर यादव पर अपनी बहन के हत्या के आरोप लगाया था। दर्ज प्राथमिकी में उसने बताया था कि वर्ष 2016 में बहन की शादी हुई थी। कुछ माह बाद एक लाख और चार चक्का गाड़ी के मांग पुरी ने होने पर हत्या कर दी गई थी।

उस समय ओबरा थानाध्यक्ष पंकज कुमार सैनी ने अनुसंधान कर अभियुक्तों को तत्काल गिरफ्तार किया था। मोबाइल सी डी आर के अवलोकन से सुमन पटेल अनुग्रह नारायण रोड़ स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया था। तब से अभी तक वह जेल में बंद हैं। थाना प्रभारी ने 9 जनवरी 2022 को सभी अभियुक्तों पर धारा 304 बी और 302 में समर्पित किया था।

बचाव पक्ष से अधिवक्ता अवध किशोर पांडे ने लालती कुंवर के अधिक उम्र होने के कारण और सुमन पटेल की पहली अपराध के कारण कम सज़ा की मांग की थी। अभियोजन के तरफ से अधिवक्ता नकूल मेहता, मृतका की मां और बुआ उपस्थित थीं। जिन्होंने ने कोर्ट के शीघ्र निर्णय पर प्रसन्नता जताई।

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