व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में गुरुवार को एक शोक सभा आयोजित की गई। जिसमें दिवंगत अधिवक्ता सुजाउल मुस्तफा खां उर्फ मिनू खां के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया। इस शोकसभा की अध्यक्षता जिला विधिज्ञ संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष विजय कुमार पाण्डेय और संचालन महासचिव जगनरायण सिंह ने किया। सर्वप्रथम दिवंगत अधिवक्ता के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर
प्रकाश डालते हुए दो मिनट का मौन रखकर उनके आत्मा के शान्ति की प्रार्थना की गई। तत्पश्चात सभी अधिवक्ताओं ने आज यानी गुरुवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया। गुरुवार की शाम दो बजकर संतावन मिनट पर व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सितंबर माह व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं के लिए काफी दुखद रहा।
क्योंकि इस माह में मीनू खान के अलाव तीन और साथियों ने हमारा साथ छोड़ असमय काल के गाल में समा गए। चारों अधिवक्ताओं के निधन के पश्चात उनकी कमी की पूर्ति निकट भविष्य में संभव नहीं है। एक माह में चार चार शोक सभा कर सभी मर्माहत है और आज के शोकसभा के बाद चौथी बार अधिवक्ता न्यायालयीय कार्य से विरत रहे। अधिवक्ता श्री स्नेही ने बताया कि 02 सितम्बर को अधिवक्ता अमरदेव सिंह के मृत्यु, 07 सितम्बर के अधिवक्ता
मिथलेश कुमार सिन्हा के मृत्यु,18 सितम्बर को अधिवक्ता ब्रजबिहारी शर्मा के मृत्यु और आज 26 सितम्बर को अधिवक्ता मीनू खां के आक्समिक मृत्यु हो जाने पर अधिवक्तागण न्यायिक कार्य से विरत रहे। जिससे न्यायिक कार्य प्रभावित हुआ और दूर दराज से आए मुवक्किलों को निराश वापस लोटना पड़ा। इस मौके पर जिला विधिज्ञ संघ औरंगाबाद के पूर्व अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह, पूर्व महासचिव नागेंद्र सिंह, पूर्व महासचिव परशुराम सिंह, प्रदीप
कुमार,क्षीतिज रंजन, सियाराम पांडे, परवेज अख्तर, नवीन कुमार, सुजीत कुमार सिंह, अफजल अहमद खां, अख्तर अली,मो शाहीद, रज्जी अहमद, पवन कुमार सिंह,रामप्रवेश ठाकुर, इम्तियाज अंसारी,राधेश्याम प्रसाद, अमित कुमार, अनील सिंह, प्रदीप सिंह,अमरेश कुमार, मंतोष कुमार, कुणाल कुमार,अम्बर सहित अन्य उपस्थित थे उपस्थित थे।