शहर के बिजौली मोड़ स्थित विश्वेश्वरैया भवन में मनाई गई अभियंता जयंती,डीएम ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन

3 Min Read
- विज्ञापन-

औरंगाबाद।शहर के बिजौली मोड़ स्थित विश्वेश्वरैया भवन में रविवार को भारतीय अभियंत्रण के पितामह एवं भारत रत्न से सम्मानित मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरैया की जयंती अभियंता दिवस के रूप में धूमधाम से मनाई गई। अभियंता दिवस का उद्घाटन डीएम श्रीकांत शास्त्री, सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता इंजीनियर जमील अख्तर, सेवानिवृत शिक्षक एवं ज्योतिषाचार्य शिवनारायण सिंह के साथ साथ अन्य अभियंताओं ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर एवं विश्वेश्वरैया की तस्वीर पर माल्यार्पण अर्पित कर की।

- Advertisement -
Ad image

अभियंता दिवस समारोह की अध्यक्षता जिला अभियंता संघ के अध्यक्ष इंजीनियर सुबोध कुमार सिंह तथा समारोह का संचालन अपने बेहतरीन अंदाज में शिक्षक अजहर आलम ने की। इस मौके पर मीडियाकर्मियों के साथ साथ विभिन्न विभागों के अभियंताओं एवं अभियंत्रण सामग्रियों से संबंधित विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों ने विश्वेश्वरैया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें आधुनिक भारत का भगवान विश्वकर्मा बताया।

वही समारोह को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि आज उनकी कृतियां अमर है क्योंकि उन्होंने अपने कर्म को न सिर्फ स्थापित किया बल्कि उसे कलजयी बनाया। डीएम ने कहा कि आज सभी अभियंताओं को उनसे प्रेरणा लेकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आप राष्ट्र के विकास में अहम भूमिका का निर्वहन करते हैं लेकिन आपकी पहचान तभी है जब आप अपने कार्यों में सौंदर्य शामिल करे ताकि लोग कार्य को देखते ही इसे किसने बनाया उसके बारे में चर्चा करे।

- Advertisement -
KhabriChacha.in

डीएम ने कहा कि जिले में अभियंताओं की संख्या राज्य के अन्य हिस्से से काफी है और अभियंत्रण के क्षेत्र में महिलाएं भी अच्छी संख्या में पदस्थापित है। मगर अभियंता दिवस के समारोह पर न सिर्फ महिलाओं की बल्कि पुरुष अभियंताओं की उपस्थिति चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में हम गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें ताकि आने वाली पीढ़ियां भी गर्व कर सके और यह कह सके कि यह अद्वितीय कृति हमारे पूर्वजों की है।

डीएम ने कहा कि बिहार सरकार अभियंत्रण के क्षेत्र में काफी काम कर रही है और हेम उन कार्यों को धरातल पर उतरना है। सरकार ने पहाड़ों पर वृक्षारोपण कराकर उन्हें संरक्षित करने का काम किया है। ताकि आनेवाली पीढ़ियां जंगल और पहाड़ों के अस्तित्व को समझे और उसे जान सके।

Share this Article

You cannot copy content of this page