औरंगाबाद सदर अस्पताल में गुरुवार की रात लगभग 9 बजे बेहतर इलाज के लिए रेफर किए गए एक किशोर की मौत हो गई। किशोर की पहचान रफीगंज थाना क्षेत्र के गंधरा गांव निवासी रामानंद महतो के पुत्र सौरभ के रूप में की गई है। किशोर की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन द्वारा समय पर एंबुलेंस नहीं उपलब्ध कराने का आरोप लगाकर हंगामा किया गया।
जिसकी सूचना नगर थाने की पुलिस को दी गई।सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाया और मामले को शांत कराते हुए शव के साथ सबों को गंधरा गांव भेजा। प्राप्त जानकारी के अनुसार किशोर कुछ दिनों से बीमार था और उसका इलाज पटना के किसी अस्पताल में चल रहा था।
लेकिन उसकी तबियत अचानक खराब हो गई। जिसके कारण उसे गुरुवार के ही दोपहर में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। मगर देर शाम को उसकी स्थिति बिगड़ गई और बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। मगर बाहर जाने से ही पूर्व उसकी मौत हो गई। इधर इस संबंध में पैगाम ए इंसानियत के जिलाध्यक्ष शाहनवाज रहमान उर्फ सल्लू खान ने बताया कि किशोर को रेफर होने के बाद एंबुलेंस के लिए डीपीएम एवं सीएस को फोन किया गया मगर एंबुलेंस समय पर उपलब्ध नहीं हो सका और उसकी जान चली गई।
इधर इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव से शुक्रवार की सुबह 8 बजकर 14 मिनट पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि बिहार के अस्पतालों में एंबुलेंस उपलब्ध कराने वाली एजेंसी के बदल जाने के कारण अभी यह दो ही एंबुलेंस है। जिसमें से एक पटना तथा एक गया मरीज को लेकर गया हुआ था।
जबकि अन्य एंबुलेंस देव छठ मेला में लगाया गया था। किशोर के लिए एंबुलेंस उपलब्ध कराने के लिए गया से मरीज छोड़कर एंबुलेंस लौट ही रहा था। लेकिन उसके पहले ही उसकी मौत हो गई। सिविल सर्जन ने बताया कि किशोर को पूर्व से ही हर्ट की बीमारी थी और उसे काफी गंभीर स्थिति में ही सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन परिजन उस वक्त उसे बाहर नहीं ले जा सके और स्थिति जब बेहद बिगड़ गई तो उसकी मौत हो गई।