औरंगाबाद।राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय, साइबर अपराध रोकने पर गहन मंथन किया गया। मौका था साइबर अपराध अनुसंधान विषय पर व्याख्यान का। मुख्य अतिथि साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार ने कहा कि तकनीक के साथ अपराधी खुद को अपडेट कर रहे हैं। यह देखते हुए जरूरी हो जाता है कि जनसामान्य भी तकनीक के मामले में उसी रफ्तार से अपने आप को मजबूत और तरोताजा करे।
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने बताया कि साइबर अपराधी और आतंकवादी तकनीक के मामले में अपडेट हो चुके हैं। मोबाइल फोन में बिना सिमकार्ड, वाई-फाई वे हॉट स्पॉट के रेडियो सिग्नल से मैसेज करते हैं। वे जीपीएस का प्रयोग भी करते हैं। इस दौरान साइबर क्राइम एंड रिव्यू ऑफ द एविडेंस विषयक कार्यशाला में उन्होंने छात्र-छात्राओं को साइबर अपराध से निपटने के तरीके बताए। कहा कि हम रोजाना जो कुछ देखते हैं उसमें ही साक्ष्य खोजते हैं।
उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी मोबाइल फोन में वे कैलकुलेटर का प्रयोग मैसेंजर की तरह करते हैं। उन्होंने वह तरीका भी बताया जिससे डिजिटल डिवाइस से छिपे साक्ष्य और हटाए गए उत्तर से एविडेंस कैसे दोबारा प्राप्त किया जा सकता है।
बैंकिंग फ्रॉड पर त्वरित कार्रवाई के तरीके बताए
कई कंपनियों की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर डोमेन डिस्प्यूट करके फर्जी वेबसाइट बनाई जाती है। फर्जी वेबसाइट से अपराधी तक पहुंचे मोबाइल फोन नंबर और ऐप के बारे में कैसे जानकारी करें-तकीनीक बताई। बैंकिंग फ्रॉड होने पर त्वरित कैसे करें। सरकारी ई-मेल से ही सीआरपीसी 91 के प्रयोग की जानकारी दी गई। इन्होने बच्चों से कहा की कभी भी इंटरनेट के दुनिआ में लोभ लालच और जल्दीबाज़ी में नहीं पड़े हमेसा अपना प्राइवेसी का ख्याल रखते हुए अनजान एप्प को डाउनलोड नहीं करें!
अपने घर को भी अलर्ट करें
अपने घर पर भी सूचना दे को कॉल करें की आपका बेटा केस फस गया हैं,आपकी बेटि का वीडियो लवर के साथ वायरल हुआ हैं, आपके नाम से कूरियर ऑप्लाई हुआ हैं तो परेशान नहीं हो और पैसा साइबर अपराधी को नहीं दे!
आठ मिलियन इंटरनेट यूजर
विश्व में आठ मिलियन इंटरनेट यूजर हैं। हर यूजर औसतन 10 से 15 जीबी इंटरनेट खर्च करता है। इस दौरान उन्होंने कम्प्यूटर और मोबाइल फॉरेंसिक के तहत कार्य करने के तरीकों से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया।
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार ने बताया कि साइबर अपराधी सोशल मीडिया को हथियार के रूप में प्रयोग करते हैं। उन्होंने फर्जी सोशल अकाउंट बंद करने, मोबाइल फोन नंबर और इंटरनेट से जुड़े साक्ष्यों को प्राप्त करने के बारे में जानकारी दी।
बच्चों ने देखा पुलिस का कार्य करने का तरीका
पुलिस डिजिटल एविडेंस को संग्रह कैसे करती हैं उसे प्रोसेस के साथ कोर्ट में कैसे प्रस्तुत करती हैं वही दीपक ने कई ब्लाइंड केस का एक्साम्प्ल दिया की सिर्फ तकनीक से कैसे केसेस को सोल्व करती हैं!
सम्मानित किये गए दीपक कुमार
दीपक कुमार को महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रशांत मणि ने सम्मानित करते हुए कहा की दीपक कई राज्यों के पुलिस, न्यायलय के जज के साथ आईआईटी, आईआईएम में ट्रेनिंग दे चुके हैं बिहार अरवल के निवासी हैं! करिब 1300 महिलाओ के फर्जी अकॉउंट बंद किये हैं! 19 नाबालिग लड़की का बरामदगी इनके तकनिकी से हुआ हैं जिसे घर लौटने के उम्मीद नहीं थी आज सभी सकुशल हैं! इस मौके पर डॉ राय चन्द्रशेखर प्रसाद, . आनंद राज के साथ कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं छात्रों न हिस्सा लिया।