रोटी के लिए पीठ पर भाई को बांध लेती है सुमन

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उपेंद्र कश्यप

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यह सुमन है। मतलब अच्छे हृदय वाली, सदा प्रसन्न रहने वाली। आमतौर पर सुमन का अर्थ फूलों से लिया जाता है। फूल सी मासूम इस लड़की की उम्र मुश्किल सात साल होगी।

ईंट भट्ठे पर इसके मां-बाप काम करते हैं और अपनी पीठ पर तब तक अपने भाई को बांधे रखती है सुमन, जब तक मां-बाप रोटी के लिए पसीना बहाते रहते हैं।

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इसे भला क्या मतलब है कि लोकसभा का चुनाव है या राजनीति का रूप रंग क्या और कैसा है। उसे तो बस दो जून की रोटी से मतलब है। चाहे उसका रंग जैसा भी हो। रोटी जली हुई हो, कच्ची हो, अधपकी हो। उसे इससे कोई मतलब नहीं है।

यह सुमन अपनी पीठ पर भाई को ही लेकर खुश है और जब तब पीछे मुड़कर अपने भाई को निहार कर ही निढाल हो जाती है। उसकी अपनी दुनिया है, जहां हंसी है, ठिठोली है, उछल कूद है। बाकी जो है सो दूसरों के लिए है।

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