औरंगाबाद।बुधवार मौनी अमावस्या को प्रयागराज में हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। मृतकों में औरंगाबाद के बंदेया थाने के शोसना गांव के सुरेश यादव की 65 वर्षीय पत्नी राजरानी देवी तथा हसपुरा थाने के मनपुरा गांव निवासी इक्कीस वर्षीय युवती सोनम शामिल है। सोनम की मौत के बाद मोतीलाल नेहरू कॉलेज एंड हॉस्पिटल से प्रयागराज की पुलिस ने उसके शव को गुरुवार को
हसपुरा लाया। जहां से कागजी कार्रवाई पूरी कर शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद लाया। सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर अभिषेक कुमार सिंह ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौप दिया है। पोस्टमार्टम के दौरान मृतक युवती के चाचा मनोज शर्मा ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में स्नान के लिए सोनम अपनी मां रजनी देवी के साथ
प्रयागराज आई थी। मगर बुधवार को मची भगदड़ में वह दब गई जिससे उसकी मौत हो गई। इधर शव को लेकर पहुंचे प्रयागराज के पुलिस जवान सुमित कुमार ने घटना का जिक्र किया और कहा कि भगदड़ होने के कारण 30 लोगों की मौत प्रयागराज में हुई है। कई घायल का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। संभावना है कि मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है। इधर परिजनों ने यूपी सरकार से मृतक के परिजनों को प्राप्त होनेवाली मुआवजा राशि शीघ्र देने की मांग की
है। उन्होंने बताया कि सोनम के पिता की मौत 2009 में ही हो गई थी और तबसे सोनम अपनी तीन बहन एवं मां के साथ गांव में रहकर जीवन यापन करती थी और बहनों में सबसे बड़ी होने के कारण सबका ख्याल रखा करती थी। इसकी मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।यदि मुआवजा शीघ्र मिल जाएगा तो इनकी पारिवारिक गाड़ी आगे बढ़ जायेगी।