औरंगाबाद। औरंगाबाद शहर के राम लखन सिंह यादव कॉलेज के प्रधान सहायक जनार्दन सिंह ने शुक्रवार को एक प्रेस बयान जारी कर बताया कि शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर जो कि इस कॉलेज में जूलॉजी के विभागाध्यक्ष है उनके बारे में मीडिया, कुछ पोर्टल तथा चैनल द्वारा गलत खबरें चलाई जा रही हैं जिससे कॉलेज कर्मियों की भावनाएं आहत हो रही है।
उन्होंने बताया कि कुछ मीडिया कर्मियों ने यह भी खबर चलाई कि शिक्षा मंत्री विधानसभा एवं महाविद्यालय दोनों जगहों से अपना वेतन प्राप्त कर रहे हैं। जो सरासर गलत है। प्रधान सहायक ने बताया कि शिक्षा मंत्री बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 की धारा 68 के तहत प्राप्त प्रावधानों का अनुसरण करते हुए विधानसभा से नहीं बल्कि महाविद्यालय से ही वेतन प्राप्त कर रहे हैं। क्योंकि एक्ट यह कहता है कि शिक्षक या कर्मचारी जो राज्य अथवा केंद्रीय विधानसभा की सदस्यता प्राप्त कर लेता है वह शपथ ग्रहण की तिथि अथवा इस अधिनियम के लागू होने की तिथि जो पहले हो से यह विकल्प देता है कि वेतन महंगाई भत्ता आदि विश्वविद्यालय से लेंगे या विधानमंडल से।
प्रधान सहायक ने बताया कि ऐसे शिक्षक या कर्मचारी राज्य अथवा केंद्रीय विद्यान मंडल के सदस्य के रूप में तत संबंधी अधिनियम के अधीन समय-समय पर प्रदत्त सुविधाएं प्राप्त करने के हकदार होंगे। ऐसी स्थिति में शिक्षा मंत्री श्री चंद्रशेखर द्वारा विधानसभा में शपथ ली गई है और उसी शपथ के आलोक में वेतन का भुगतान महाविद्यालय से प्राप्त कर रहे हैं जो कि किसी भी दृष्टिकोण से गलत नहीं है।
लेकिन इसके पीछे किस प्रकार की राजनीति की जा रही है यह किसी से छिपी नहीं हुई है और मीडिया भी बिना सत्य जाने बेवजह खबरों को प्रकाशित और प्रसारित कर रहा है।जबकि वेतन प्राप्त करने का यह नियम कई वर्ष से चला आ रहा है और कितने प्रतिनिधि इसका फायदा उठा चुके है।