औरंगाबाद।कभी कभी सामान्य लापरवाही भी मौत का कारण बन जाती है और हम उस गलती को जीवन भर भूल नहीं पाते।ऐसा ही एक मामला रफीगंज के पौथू थाना क्षेत्र के अचूकी गांव घटित हुई है जहां गुरुवार की रात एक छह माह की मासूम की तड़प तड़प कर जान चली गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अचुकी गांव के सुबोध कुमार के भाई एवं बहन दोनो की शादी थी। भाई का 22 मई को तिलकबाना था और उसी दिन बहन की भी शादी थी।सभी लोग शादी की तैयारी में मशगूल थे।पूरा घर रिश्तेदारों से भरा हुआ था और खुशी का माहौल था।
बीती रात सुबोध कुमार एवं उनकी पत्नी अर्चना कुमारी अपने छह मां की मासूम बच्ची अंशिका को पलंग पर सुलाकर खाना खाने चले गए।इसी बीच बच्ची करवट बदल कर पलंग और दीवार के बीच खाली जगह में फस गई और उसकी आवाज किसी के कानो तक नही पहुंच सकी और उसने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया।
इसी बीच घर का एक सदस्य संजीत कुमार जब कमरे में गया तो बच्ची को फंसा देख उसकी चीख निकल गई। दौड़े दौड़े घर के अन्य सदस्य जब वहां पहुंचे तब तक काफी देर हो चुकी थी। लोगों ने बच्ची को पलंग और दीवार के बीच से निकालने की कोशिश की तो देखा उसका सिर नीचे और धड़ ऊपर था और उसकी जान जा चुकी थी।
मासूम बच्ची की मौत के बाद शादी का माहौल मातम में बदल गया और घर का मांगलिक माहौल चीत्कार से गूंज उठा।बताया जाता है कि मासूम ने औरंगाबाद शहर के एक निजी क्लीनिक में भरी ऑपरेशन से जन्म ली थी और अभी उसके मां के ऑपरेशन के जख्म भरे भी नही थे। मासूम की मौत के बाद लोग ईश्वर की इस क्रूरता के लिए उन्हें कोसते नजर आए।