राजेश मिश्रा
औरंगाबाद।लोकसभा आम निर्वाचन की प्रक्रिया शुक्रवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होते ही मतों के कम प्रतिशत नें प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनें बढ़ा दी है।हालांकि प्रचंड गर्मी में भी मतदाताओं ने मतदान जरूर किया लेकिन पिछले चुनाव की तुलना में कुछ प्रतिशत कम हुए।
हालांकि जिला प्रशासन की ओर से बेहतर मतदान के लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए।लेकिन मतदाता बूथों तक नहीं पहुंच सके और वे मतदान के प्रतिशत बढ़ाने के रेस में पीछे रह गए इसको लेकर चर्चा का बाजार गर्म है और मतदान प्रतिशत को लेकर लोग जीत हार की भविष्यवाणी भी करने लगे।
ऐसे में आपसी वैमनश्यता पनप रही है और मारपीट की घटना घटित हो रही है। पुलिस प्रशासन को इस पर भी निगाह रखने की जरूरत है।अगर राजनीति की बात होती है तो गांव शहर गली मोहल्ले में राजनीति की खूब बातें लोग करते हैं।
और आपस में झगड़ा करने तक भी उतारू हो जाते हैं। और इतना व्यापक रूप से प्रचार प्रसार होने के बावजूद मतदान के प्रतिशत बढ़ाने की रेस में पीछे रह जाते हैं। इस पर ध्यान देने की बात है।मतदान की प्रक्रिया गुप्त होती है लेकिन आधुनिक परिपेक्ष में तो यहां तक देखे जाते हैं कि सोशल मीडिया पर खुल्लम-खुल्ला फेसबुक पेज के फेक आईडी के द्वारा अनर्गल बातें को फैलाकर वोटो के ध्रुवीकरण करने के प्रयास किए जाते हैं।
ऐसे तत्वों को चिन्हित करके जिला प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि इस बार वोटो के कम प्रतिशत नें प्रत्याशियों को जरूर टेंशन बढ़ा दी है। सभी प्रत्याशियों की भाग्य ईवीएम में कैद हो गई है।सभी के द्वारा जीत के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन अब मतदातगण 4 जून पर ध्यान लगाए बैठे हैं।