औरंगाबाद।महान स्वतंत्रता सेनानी व वीर योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती जनेश्वर विकास केंद्र एवं जन विकास परिषद के द्वारा शहर के अधिवक्ता संघ भवन में मनाई गई। सभी लोग वीर कुंवर सिंह की छायाचित्र के ऊपर माल्यार्पण कर एवं पुष्पांजलि अर्पित करते हुए लोगों ने अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित की।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रामानुज पांडे, विधि संघ के पूर्व
अध्यक्ष रसिक बिहारी, पूर्व प्रोफेसर दिनेश प्रसाद, रेड क्रॉस के वरिष्ठ पदाधिकारी अजीत सिंह, ज्योतिषाचार्य शिव नारायण सिंह, प्रोफेसर संजीव नारायण,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला करवा अरुण सिंह, डा सुमन लता शामिल हुए ।सभी लोगों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनेश्वर विकास केंद्र की अध्यक्ष रामजी सिंह ने की एवं संचालन सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने की। रामानुज पांडेय , अजीत सिंह एवं विधि संघ के पूर्व अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह ने बताया किदेश में
1857 में हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अप्रतिम योद्धा थे वीर कुंवर सिंह जी। उन्होंने अपनी उम्र को खुद पर हावी नहीं होने दिया और अंग्रेजों से डटकर मुकाबला किया। उन्होंने आरा में अंग्रेजी खजाने पर कब्जा किया। उन्होंने आजमगढ़ पर कब्जा किया। उनकी बहादुरी अमर है। 80 वर्ष की उम्र में भी अंग्रेज को दांत खट्टे कर दिए थे इनकी बहादुरी और साहस सदैव हम सबको प्रेरित करता रहेगा। संजीव नारायण सिंह एवं शिव नारायण सिंह और दिनेश प्रसाद ने बताया कि वीर कुंवर प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही
और महानायक थे. जिन्होंने 80 वर्ष की उम्र में भी लड़ाई कर विजय हासिल किया था. उन्होंने बताया कि वीर कुंवर ने उस वक्त भारतीय सैनिक का भी नेतृत्व किया था, जिसे आज भी लोग याद करते है, सिद्धेश्वर विद्यार्थी एवं डा सुमन लता ने कहा कि सन 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही और महानायक थे. इन्हें गुरिल्ला युद्ध का महारथ हासिल था 80 वर्ष की अवस्था में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर देने वाला यह अद्वितीय योद्धा थे. अन्याय विरोधी व स्वतंत्रता प्रेमी बाबू कुंवर सिंह कुशल सेना नायक थे. इनको 80 वर्ष
की उम्र में भी लड़ने तथा विजय हासिल करने के लिए जाना जाता है। समाजसेवी आदित्य श्रीवास्तव बाबू वीर कुंवर के बारे में अपना विचार प्रकट करते हुए कहा कि आज के युवाओं को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। हमारे पूर्वज उम्र के उस पड़ाव पर भी लड़ाई करने का हौसला रखते थे, जबकि आज के युवा गलत खान पान और गलत आचरण की वजह से युवावस्था में ही वृद्धावस्था को प्राप्त कर लेते हैं। कवि लवकुश प्रसाद सिंह ने कुंवर सिंह की वीरता पर वीर रस की कविता कर खूब तालियां बटोरी।अतिथियों का स्वागत भाषण जन
विकास परिषद के उपाध्यक्ष रामचंद्र सिंह ने दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन साहित्य संवाद के अध्यक्ष लालदेव प्रसाद ने किया । समारोह मे अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कमलेश कुमार सिंह, पूर्व दारोगा अशोक कुमार सिंह, सिंहेश्वर सिंह , अभियंता विंग के संयोजक धीरेंद्र कुमार सिंह , प्रमोद कुमार सिंह, पूर्व मुखिया अशोक कुमार सिंह, राजेन्द्र प्रसाद सिंह, अधिवक्ता शिवम् , रामाश्रय प्रसाद सिंह, यशवंत सिंह, विनोद सिंह आदि मौजूद थे।