औरंगाबाद। लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रदेश महासचिव व रफीगंज विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी रहे प्रखर सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद सिंह ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कासमा थाना क्षेत्र के नराईच गांव में 19 मार्च को कब्रिस्तान विवाद को लेकर घटित हुई घटना में मेरे छवि को धूमिल करने की नियत से मेरे ऊपर प्राथमिकी दर्ज की गई है। लेकिन दर्ज प्राथमिकी कासमा थानाध्यक्ष के द्वारा मेरे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के प्रभाव में आकर दर्ज कराई गई है।
क्योंकि दर्ज प्राथमिकी में जो कारण बताया गया है वह निरर्थक और बेबुनियाद है। दर्ज प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया है कि उग्र हुई भीड़ के द्वारा यह कहते हुए सुना जाना कि “प्रमोद सिंह जे जे कहलको, उहे कर तब मामला सलट्तो” बिलकुल ही हास्यास्पद एवं मनगढ़ंत है। ऐसा कर पुलिस खुद अपनी कार्यशैली को लेकर कटघड़े में खड़ी हो रही है।
श्री सिंह ने कहा कि वे पिछले कई दिनों से बिहार से बाहर है और घटना के दिन दोनो पक्षों के बीच आपसी सौहार्द कायम करने के लिए प्रयास किया। परंतु पुलिस ने दबाव में आकर मेरे ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज कर दी। श्री सिंह ने कहा कि उनके द्वारा पिछले 15 वर्षो से रफीगंज विधानसभा क्षेत्र में कई सामाजिक काम जो सरकार को करने चाहिए थे वह कराया गया।
जिसमे नहर उड़ाही, आपदा से ग्रसित लोगों की सेवा, आर्थिक रूप से असमर्थ लोगों को शिक्षा एवं अन्य प्रकार से मदद करना आदि शामिल हैं। इतना ही नहीं वर्ष 2020 एवं उससे पहले लड़े गए विधानसभा चुनाव के दौरान कभी भी समाज में सामाजिक सौहार्द न बिगड़े इसके लिए मेरे द्वारा कई कार्य किए गए।
इसी का फल था कि निर्दलीय लड़कर भी हिंदू और मुस्लिम भाइयों के वोट से सेकंड पोजीशन पर रहा। परंतु राजनीतिक विद्वेष से ग्रसित मेरे प्रतिद्वंद्वी के प्रभाव में आकर थानाध्यक्ष द्वारा 59 लोगों एवं कई अज्ञात लोगों पर गलत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
श्री सिंह ने विज्ञप्ति के माध्यम से यह जानकारी दी कि पुलिस यदि दर्ज प्राथमिकी से मेरा नाम नही हटाती है तो लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के बैनर तले आने वाले दिनों में एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जायेगा। जिसकी जिम्मेवार पुलिस होगी।