औरंगाबाद। एक दर्जन महिलाओं एवं युवतियों ने दाउदनगर के एक नर्सिंग कॉलेज संचालक पर कथित तौर पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए दाउदनगर थाना में आवेदन दिया है. इन लोगों ने भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय मेहता पर यह आरोप लगाया है.
राखी कुमारी, संजू कुमारी, पुष्पा कुमारी, रानी स्मृति, सुमन कुमारी, रीमा कुमारी, खुशबू कुमारी ,नीतू कुमारी, प्रभा कुमारी ,रोखसार बानो ने शुक्रवार की दोपहर दाउदनगर थाना पहुंचकर एक संयुक्त हस्ताक्षरित आवेदन थाना को दिया आवेदन में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि श्री मेहता द्वारा दाउदनगर में नर्सिंग कॉलेज खोला गया है. छात्रों के प्रति छात्र दो लाख रुपए लिए गए.
सिंगरौली नर्सिंग कॉलेज में सत्र 2021-2024 में जीएनएम कोर्स में नामांकन के लिए गए थे. कॉलेज में फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा देने गए तो प्रवेश पत्र भानमती नर्सिंग कॉलेज सिद्धि (मध्य प्रदेश)का दिया गया. जबकि उन लोगों का नामांकन पत्र सिंगरौली नर्सिंग कॉलेज का दिया गया था.
आवेदन में कहा गया है कि जब वे लोग भानमती नर्सिंग कॉलेज गए तो वहां के प्रिंसिपल के द्वारा कहा गया कि आप लोग हमारे कॉलेज का पहला छात्र हो और हमारा कॉलेज आईएनएससी से मान्यता प्राप्त अभी तक नहीं है. आवेदन में कहा गया है कि उन लोगों को बताया गया था कि कॉलेज आईएनसी से मान्यता प्राप्त है. उन लोगों ने परीक्षा नहीं दिया और वापस घर आ गए. आवेदन में कहा गया है कि जब वे लोग पैसा मांगने जाते हैं तो कहा जाता है कि दो माह बाद परीक्षा दिलवा देंगे तो कभी कहा जाता है कि पैसा वापस कर देंगे।
26 मई तक पैसा वापस करने के लिए कहा गया था, लेकिन उसके बाद न तो किसी का फोन उठाते हैं और न ही किसी से मिलते हैं .आवेदन में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि राखी कुमारी जब गुरुवार को पैसा मांगने उनके घर पर गई, जो कथित तौर पर उसके साथ मारपीट किया गया और उसका मोबाइल छीन लिया गया तथा धक्का मार कर घर से निकाल दिया गया. थानाध्यक्ष अंजनी कुमार ने बताया कि आवेदन की जांच -पड़ताल की जा रही है.
दूसरी ओर, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय मेहता ने आरोपों को गलत एवं निराधार बताते हुए कहा कि छात्र पूरी तरह से भ्रमित हो गए हैं .धोखाधड़ी का कोई मामला नहीं है. 60 लोगों का नामांकन कराया गया था ,जिनमें से 39 ने परीक्षा में भाग लिया. 21 विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग नहीं लिया .उन्होंने कहा कि छात्रों द्वारा लगाया गया आरोप पूरी तरह गलत एवं निराधार है, जिसकी जांच कहीं भी किसी से कराई जा सकती है. जिस कॉलेज में उनका नामांकन कराया गया है, वह मान्यता प्राप्त है .बीच में इस मामले को लेकर पंचायती भी हुई थी .एग्रीमेंट बनाने की बात हुई थी.