औरंगाबाद जिले में बुधवार को जिला पदाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागर में आपदा प्रबंधन विभाग अंतर्गत ग्रीष्मकालीन तैयारी से संबंधित लू एवं गर्मी से बचाव हेतु ससमीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई।
जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा त गर्मी के मौसम में संभावित आपदा से सुरक्षा हेतु विभागवार समीक्षा की। गर्मी के कारण सुखाड़,आगलगी पीने का पानी की कमी, लू जैसे आपदा से निपटने के लिए सभी संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए।
बैठक में जिला पदाधिकारी के द्वारा बताया कि ग्रीष्मकाल प्रारम्भ होने वाला है। भीषण गर्मी एवं लू (Heatwaves) के कारण जन-जीवन प्रभावित होता है। स्वास्थ्य एवं पेय जल संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। विशेष रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं एवं दिहाड़ी मजदूरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पेय जल संकट की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में यह आवश्यक है कि राज्य सरकार के विभागों के द्वारा आम जनों को भीषण गर्मी एवं लू से बचाव हेतु कारगर उपाय एवं कार्रवाई की जाय।
जिला पदाधिकारी के द्वारा सभी कार्यपालक पदाधिकारी से संबंधित वार्डो में पेयजल की समस्या का समाधान किस प्रकार कर रहे हैं इसकी बिंदुवार जानकारी ली एवं वार्डो में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था टैंकर, वाटर एटीएम एवं पेआउ के माध्यम से माध्यम से करने का निर्देश दिए। शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल की व्यवस्था,खराब चपकालों की युध्दस्तर पर मरम्मति करने का एवं स्लम क्षेत्र एवं आश्रय स्थलों में पेयजल और व्यवस्था भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिए।
कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल को निर्देश दिया गया जिले में जितने भी चापाकल चापाकल खराब है, उसे 15 दिनों के अंदर में मरम्मती कएवं नए चापाकल अविलम्ब लगाना सुनिश्चित करें।
इसकी अतिरिक्त निर्देश दिया गया कि जहां नल जल का उपलब्ध नहीं है और चपकालों में पानी की कमी हो गई है, वहां आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करना सुनिश्चित करें।
सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि सभी अस्पतालों में लू से प्रभावितों के इलाज हेतु विशेष व्यवस्था यथा पेयजल की समुचित व्यवस्था, दवा की उपलब्धता ओआरएस घोल की उपलब्धता, ऑक्सीजन सिलेंडर, डॉक्टर्स की प्रतिनियुक्ति, साफ-सफाई की उचित व्यवस्था एवं अस्पतालों ओपीडी स्थल में एसी और कुलर की पर्याप्त व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। साथ ही साथ ओआरएस घोल बंटवाने हेतु पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखें।
इसके अतिरिक्त आवश्यकता अनुसार प्रभावित क्षेत्र के लिए चलंत चलंत चिकित्सा दल का भी व्यवस्था सुनिश्चित करें।
पशु एवं मत्स्य पदाधिकारी को पशुओं की दवा की पर्याप्त उपलब्धता एवं पशुओं के लिए पानी पीने की समुचित व्यवस्था सरकारी ट्यूबवेल के समीप अथवा अन्य सुविधायुक्त स्थान पर गड्ढा खोदकर पानी इकट्ठा करने का करने का निर्देश दिया गये ताकि भीष्ण गर्मी में पशु पक्षियों को पानी मिल सके।
इसके अतिरिक्त पशुओं के समुचित इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम गठन कर मोबाइल वैन के माध्यम से पशु चिकित्सक को क्षेत्र में घूम कर इलाज करने का निर्देश दिया गया।
कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग को निर्बाध बिजली आपूर्ति करने हेतु ढीले एवं जर्जर विद्युत तारों को अविलंब ठीक करने का निर्देश दिये।
श्रम अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि लू के दौरान कार्य अवधि को सुबह 6:00 से 11:00 तक और दोपहर 3:30 से 6:30 तक निर्धारित करें एवं खुले में काम करने वाले तथा भवन बनाने वाले काम कैरने वाले मजदूरों के लिए लिए पेय जल, आईस पैड की व्यवस्था के साथ शेड की भी व्यवस्था किरण सुनिश्चित करायें।
इसके अतिरिक्त अन्य संबंधित विभागों को भी संभावित भीषण गर्मी में के कारण सुखाड़,आगलगी पीने का पानी की कमी, लू जैसे आपदा से निपटने के लिए विभाग के संबंधित पदाधिकारियों को भी आवश्यक निर्देश दिए गए।
उक्त बैठक मैं अपर समाहर्ता श्री ललित रंजन भूषण, अपर समाहर्ता आपदा श्री उपेंद्र पंडित, जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी इफ्तेखार अहमद आपदा प्रभारी सुश्री अंतरा कुमारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्रीमती श्वेता प्रियदर्शी, जिला योजना पदाधिकारी श्री अविनाश प्रकाश, कार्यपालक अभियंता पीएचडी एवं विद्युत, सिविल सर्जन एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी एवं जिला स्तरीय अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।