जबकि पान गुमटी में सिर्फ तीन सीएफएल बल्ब जलते हैं और एक टेबल पंखा भी लगा हुआ है। इन्हीं उपकरणों के उपयोग के नाम पर बिजली विभाग ने उसे एक लाख इक्यासी हज़ार तीन सौ सात रुपए का बिजली बिल भेज दिया। इधर विभाग की लापरवाही से दुकानदार परेशान है।
हसपुरा थाना क्षेत्र के अहियापुर निवासी अयोध्या कुमार ने बताया कि परिवार का भरण पोषण करने के लिए पचरुखीया में उन्होंने पान गुमटी खोल रखा है। जिसमें तीन सीएफएल बल्ब और एक टेबल पंखा को छोड़कर बिजली से चलने वाला अन्य कुछ भी सामान नहीं है। ऐसे में उनके घर एक लाख इकयासी हजार तीन सौ सात रुपए का बिजली बिल आ गया है। उन्होंने इसकी शिकायत बिजली विभाग से भी की।
परंतु अब तक कोई भी सकारात्मक परिणाम नही आया है उल्टा बिजली विभाग के कर्मचारी जल्द बकाया बिल जमा नही करने पर जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित अयोध्या कुमार ने बताया कि स्किन की बीमारी के इलाज हेतु वे 18 नवंबर 2018 को दिल्ली चले गए थे। वर्ष 2023 के अप्रैल महीने में जब वह लौटे तो पाया कि बिजली विभाग ने 58000 रुपया बकाया होने के कारण उनके गुमटी से विद्युत संबंध विच्छेद कर दिया है।
जिसके बाद उन्होंने मई के महीने में दस हजार रूपए का भुगतान कर पुनः विद्युत संबंध स्थापित कर लिया। पान गुमटी दुकानदार के अनुसार नवम्बर महीने में भी उसके द्वारा बिजली विभाग को दस हजार रुपए का भुगतान किया गया परन्तु उस वक्त उन्होने बिजली बकाया बिल पर गौर नही किया। मार्च 2024 में जब वे पुनः बिजली बिल जमा करने पहुंचे तो एक लाख इक्यासी हजार का बिल देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई और तब से लेकर आज तक वे बिजली विभाग के दफ्तरों में चक्कर काटने को मजबूर हैं।
दुकानदार के अनुसार उनके पान गुमटी में लगे तीन सीएफएल बल्ब और पंखे का औसतन बिजली बिल सौ यूनिट या इससे भी कम आता था। परंतु जुलाई – 2023 में बिजली विभाग ने उन्हें तीन सीएफएल बल्ब और पंखे के लिए 9396 यूनिट का बिल भेजा।
वहीं अगस्त, सितंबर और अक्टूबर महिने में भेजे गए क्रमशः 440, 532, और 316 यूनिट का बिल भी तीन बल्ब और एक टेबल पंखे के लिए काफी ज्यादा है। बिजली विभाग के इस मनमाने कदम से पीड़ित परिवार ने बिजली विभाग के प्रति आक्रोश जाहिर किया है।