जनेश्वर विकास केंद्र की ओर से माता-पिता की सेवा सबसे बड़ा धर्म,विषय पर संगोष्ठी आयोजित

4 Min Read
- विज्ञापन-

औरंगाबाद।भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति में माता -पिता को भगवान का दर्जा दिया गया है।इनकी सेवा से इहलोक और परलोक पर विजय प्राप्त किया जा सकता है।उक्त बातें जनेश्वर विकास केंद्र एवं जन विकास परिषद के तत्वाधान में आयोजित मातृ-पितृ पूजन समारोह में वक्ताओं ने कहा।

- Advertisement -
Ad image

समारोह अधिवक्ता संघ सभागार औरंगाबाद में जन विकास परिषद के अध्यक्ष प्रो दिनेश प्रसाद की अध्यक्षता में संपन्न हुई।सर्वप्रथम मुख्य अतिथियों द्बारा भारत माता पर पुष्पांजलि अर्पित कर समारोह का उद्घाटन किया गया।इसके बाद जन विकास परिषद के उपाध्यक्ष रामचंद्र सिंह, मधुसूदन त्रिवेदी, राजेंद्र सिंह ने माल्यार्पण कर मुख्य अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत भाषण अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने दिया।

तत्पश्चात माता पिता की सेवा सबसे बड़ा धर्म है विषय पर संगोष्ठी की शुरुआत की गयी विषय प्रवेश कराते हुए सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि भगवान शंकर के दोनों लड़कों में कौन बड़ा की बात पर विवाद हो गया था।विवाद निपटारे के उद्देश्य से शंकर भगवान ने उन्हें बताया कि जो पृथ्वी की परिक्रमा पहले कर लेगा वहीं बड़ा होगा।इसपर कार्तिक जी पृथ्वी की परिक्रमा करने निकल गये तो इधर गणेश जी माता पार्वती और पिता शंकर का ही परिक्रमा कर लिया और कहा कि शास्त्रों के अनुसार पृथ्वी से भी बड़ी मां होते हैं तथा आकाश से भी बड़ा पिता होता है ।

- Advertisement -
KhabriChacha.in

इसलिए मैं जीत गया।इसकी स्वीकृति मिली और तबसे गणेश जी की सबसे पहले पुजा होता है । पर आज की पीढ़ी माता पिता के महत्व को भूल पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित हो गया है जो भारतीय सभ्यता और संस्कृति के विरुद्ध है । इसलिए मातृ-पितृ पूजन दिवस समारोह आयोजन प्रासंगिक है । मुख्य अतिथि चाणक्य परिषद के अध्यक्ष रामानुज पांडे, विधि संघ के पूर्व अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह, डा सुमन लता, अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष इन्द्रदेव यादव ने बताया कि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति में माता पिता को भगवान

का दर्जा दिया गया है इनकी सेवा करने से इस लोक और परलोक पर विजय प्राप्त किया जा सकता है।परन्तु आज के समय में पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर युवा दिग्भ्रमित हो गये हैं जिसके कारण उनकी सेवा नहीं हो पा रही है।यही कारण है कि दिनों दिन यहां वृद्ध आश्रम की जरूरत पड़ने लगा है।कवि लवकुश प्रसाद सिंह और धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कविता पाठ कर माता पिता के महत्व को बताया।अधिवक्ता अनील सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष

संजय सिंह, पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कमलेश कुमार सिंह , शिक्षक बैद्यनाथ सिंह ने बताया कि माता पिता के कारण ही बच्चों का अस्तित्व है।अतः बच्चों को लिए माता पिता भगवान होते हैं।वे अपने बच्चों पर बिना कोई शर्त आशीर्वाद, प्यार और स्नेह वर्षाते हैं वे हमेशा बच्चों के लिए पुज्यनीय हैं।धन्यवाद ज्ञापन सामाजिक

कार्यकर्ता आदित्य श्रीवास्तव ने किया।संगोष्ठी में ज्योतिष विद ओमप्रकाश पाठक,सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद कुमार सिंह, शिक्षक बिनोद मालाकार, गिरजेश नारायण सिंह, दया पात्र सिंह। रामाश्रय पांडे रणजीत कुमार सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।

Share this Article

You cannot copy content of this page