औरंगाबाद।अनुग्रह नारायण रोड स्टेशन पे इन दिनों विकास का कार्य हो रहा है। आजादी के पहले से ही रेलवे की जमीन चिन्हित कर बाउंड्री दी गई एवं स्टेशन का निर्माण हुआ। धीरे धीरे इस स्टेशन पे कई गाड़ियाँ रुकने लगी और विकास होने लगा।
स्टेशन परिसर के बाहर की जमीन जिला परिषद की है और उन्नीस सौ बाइस से ही जिला परिषद गया अब औरंगाबाद अपनी जमीन को बंदोबस्त कर किराया वसूला करती है।
जो अब तक जारी है और बंदोबस्तधारी लोग जिला परिषद को जमीन का किराया भी दे रहें हैँ। पुराने नये नक़्शे पे रेलवे की जमीन प्लॉट खाता के साथ स्पष्ट रूप से खारीज किया हुआ है जो कि केशरे हिंद में आता है।
स्टेशन गेट निर्माण के लिए संवेदक ने रेलवे अभियंत्रण बिभाग के बगैर जिला परिषद के अमीन की उपस्थिति के प्राइवेट अमीन राज किशोर मेहता के द्वारा जमीन मापी करा जिला परिषद की जमीन को अपना बता दुकानदारों को
खाली एवं तोड़ने का भ्रम पैदा कर दिया। जिस अमीन राजकिशोर मेहता को इस हेतु संवेदक एवं रेल के द्वारा रखा गया वे जम्होर में गलत मापी करने एवं विवाद पैदा करने के लिए मशहूर हैँ।
इस मापी में रेलवे एवं जिला परिषद के अमीन दोनो को उपस्थित रहना चाहिए। भारतीय मानवाधिकार परिवार के प्रदेश अध्यक्ष एवं लोक चिंतन मासिक पत्रिका के राज्य ब्यूरो प्रमुखश्री अजीत कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रेलवे एवं जिला परिषद के अमीन दोनो की उपस्थति में जमीन मापी की मांग की गई है।
उन्होंने कहा राजकिशोर मेहता अमीन तकनिकी रूप से मापी में सक्षम नहीं हैँ एवं जम्होर एवं आस पास के इलाकों में उनकी मापी में विवाद पैदा हो चुका है। शांति भंग होने के अलावा कई मुकदमें भी बिभिन्न न्यायालयों में दर्ज हो चुके हैँ अतः उन्हें अलग रख पुनः जिला परिषद एवं रेलवे के द्वारा मापी की मांग श्री सिंह के द्वारा की गई है।