औरंगाबाद। हाई कोर्ट के आदेश पर न्यायायालय का कार्य जो एक अप्रैल के प्रथम सोमवार से मॉर्निंग हुआ करता था उसे समाप्त करते हुए दिवसीय कर दिया गया था।इसको लेकर न्यायालय के अधिवक्ताओं के तरफ से हाईकोर्ट से कोर्ट को पुनः मॉर्निंग करने का आग्रह किया था। अधिवक्ताओं के आग्रह को देखते हुए हाईकोर्ट ने बिहार के सभी न्यायालय को कोर्ट मॉर्निंग करने का आदेश निर्गत किया है।
हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में गुरुवार को औरंगाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सम्पूर्णानंद तिवारी ने एक आदेश जारी कर बताया कि 26 अप्रैल 2023 को जिला विधिक संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह, महासचिव नागेंद्र सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह और महासचिव सिद्धेश्वर विधार्थी के साथ इस विषय पर एक अहम् बैठक कर निर्णय लिया गया था कि एक मई 2023 से व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद और अनुमंडलीय न्यायालय दाउदनगर 17 जून 2023 तक सुबह 7 बजे से दोपहर 12:30 तक चलेगा।
पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व जिले में 43 डिग्री तक तापमान हो गया था। जिसके मद्देनजर जिला विधिक संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह और महासचिव नागेंद्र सिंह के नेतृत्व में कार्यकरणी समिति का बैठक कर हाईकोर्ट से मांग किया गया था कि ग्रीष्मकालीन पुनः मोर्निग कोर्ट व्यवस्था बहाल हो। इस तरह के कई जिलों से मांग के पश्चात हाईकोर्ट ने सभी जिला कोर्ट के जिला जज को अधिकार दिया था कि आप अधिवक्ता संघों के साथ बैठक कर इस विषय पर निर्णय ले सकते हैं।
ऐसी स्थिति में अब न्यायलीय कार्य एक मई से मॉर्निंग होगा।अधिवक्ता स्नेही ने बताया कि जिला जज ने यह उम्मीद व्यक्त की है कि 13 मई को लगने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक सुलहनीय वादों के निष्पादन में अधिवक्ता संघों ने भरपूर सहयोग करने का वादा किया है जो प्रशंसनीय है।