बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉक्टर सुरेश पासवान ने कहा है कि वर्ष 1999 में पहली बार पर्यटन विभाग के बजट से मात्र एक लाख रुपया में सूर्य महोत्सव देव औरंगाबाद का शुरुआत किया गया था।महोत्सव का आयोजन
पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में संपादित किया गया था ,जिसमें राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के द्वारा गायन एवं नृत्य संगीत का प्रस्तुति कीया गया था ।साथ ही सूर्य महोत्सव को राजगीर महोत्सव एवं अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव की तरह राजकीय महोत्सव का दर्जा देते हुए पर्यटन विभाग के द्वारा पर्यटन स्थल के
रूप में राष्ट्रीय मानचित्र में शामिल किया गया ।जिसके तहत प्रत्येक वर्ष भारी भरकम बजट से महोत्सव का आयोजन किया जाता है। 1999 के पूर्व ग़ैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा देव महोत्सव की शुरुआत की गई थी।लेकिन जब मैं 19,95 में देव विधानसभा से बिहार विधान सभा का सदस्य निर्वाचित हुआ तो मेरे मन में यह एक
भाव जागृत हुआ कि देव की अंतरराष्ट्रीय महत्ता एवं उसके धार्मिक सांस्कृतिक विरासत को देश और दुनिया में प्रचारित एवं प्रसारित करने के लिए सरकारी स्तर से देव महोत्सव का आयोजन होना चाहिए। और मैंने इसके लिए प्रयास शुरू कर दिया ,सुखद संजोग हुआ की 1997 में श्रीमती राबड़ी देवी जी के मंत्रिमंडल में मुझे मंत्री परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया जिसमें पर्यटन विभाग का दायित्व हमारे जिनमें दिया गया ।
अब मैं पूरी तरह से आश्वस्त हो गया की पर्यटन विभाग के द्वारा देव महोत्सव के आयोजन कराना न सिर्फ़ मेरी ही जवाबदेही हो गई बल्कि उसे अमली जामा पहनाना हमारी प्राथमिकताओं में एक हो गया और उसी का नतीजा हुआ की पर्यटन विभाग के द्वारा द्देव महोत्सव को पर्यटन विभाग के कैलेंडर में शामिल करते हुए राशि आवंटित की गई । आज मुझे गर्व होता है कि देव महोत्सव की
शुरूआत होने के बाद औरंगाबाद ज़िले में पर्यटन विभाग एवं कला संस्कृति विभाग के द्वारा गजना महोत्सव,अम्बे महोत्सव ,उमगा महोत्सव सहित दर्जनों महोत्सव का सरकारी स्तर पर आयोजन किया जा रहा है जिसके द्वारा औरंगाबाद जिला के धार्मिक
,सांस्कृतिक एवं पौराणिक इतिहास का व्यापक प्रचार एवं प्रसार करते हुवे पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा है । साथ ही ज़िला के सभी धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का समुचित विकास किया जा रहा है ।