फसलों में लगनें वाले किट व्याधी के बारे में किसानों को दी गई जानकारी
औरंगाबाद।जिले में शुक्रवार को संयुक्त कृषि भवन, के प्रांगण में आत्मा योजनान्तर्गत दो दिवसीय ‘‘किसान मेला-सह-कृषि प्रदर्षनी कार्यक्रम 2024-25 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संयुक्त रूप से उद्घाटनउपेन्द्र पंडित, अपर समाहर्त्ता, औरंगाबाद,राम ईष्वर प्रसाद,जिला कृषि पदाधिकारी, औरंगाबाद, सहायक निदेषक, उद्यान,सोनु कुमार,उप निदेषक, भूमि सरंक्षण, औरंगाबाद, रवि कुमार, सहायक निदेषक, भूमि सरंक्षण,औरंगाबाद,रौकी रावत,
सहायक निदेषका, पौधा सरंक्षण,औरंगाबाद,दीपक कुमार, सहायक निदेषक रसायन, वरिय वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस,अजित पासवान,अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी,औरंगाबाद,संतोष कुमार, अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी, दाउदनगर एवं अनुप चौबे, मौसम वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरीस के द्वारा किया गया।किसान मेला-सह-कृषि प्रदर्षनी‘‘ में विभिन्न प्रखंड से आये प्रगतिषिल किसानों के द्वारा कृषि प्रदर्षनी लगाया गया है।
कृषि प्रदर्षनी में ठाकुर दयाल सिंह, ग्राम-ओबरा के द्वारा अमरूद, दिनेष कुमार, ग्राम-ओबरा, कदु, करैला, मनीष कुमार, तेलहारा विगहा, चुकन्दर, राजीव कुमार, ग्राम-तेलहारा, गाजर, टमाटर, यषवन्त कुमार, ग्राम-ढेंगवा, निम्बु, विनय कुमार, दधपी गोह, फुलगोभी, मुली, शारदा कुमारी, कदु, बैगन, टमाटर ब्रजेष कुमार, ग्राम-कदिआही, ओबरा के द्वारा सोंठ, लहसुन, चुकन्दर, अंजीर, आम एवं पुष्प, श्री सत्यनारायण सिंह, ग्राम-बेरी, मदनपुर के द्वारा षिमला
मिर्च, करैला रेखा कुमारी, ग्राम-दधपी, गोह के द्वारा पपिता, शलजम, ब्रौकली, गाजर, चावल आदि के साथ जैविक खेती से किये गये खेती यथा सब्जी, फल एंव फूल का कृषि प्रदर्षनी लगाया गया । साथ ही कृषि वैज्ञानिक के द्वारा गरमा मौसम में उगाई जाने वाली फसलों की वैज्ञानिक खेती किसान भाई कैसे करें, ताकि फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ायी जा सके। अपर समाहर्त्ता द्वारा बताया गया कि परम्परागत कृषि के अतिरिक्त नई तकनिकी आधारित विषेष
फसलों पर यथा सरसो, मक्का, स्ट्राबेरी, पपिता आदि की खेती करने हेतु विषेष जोड़ दिया गया। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं यथा गरमा बीज वितरण, गरमा अनुदान प्रत्यक्षण किसान क्रेडिट कार्ड, पी0एम0किसान एवं अन्य योजनाओं के बारे में जिला कृषि पदाधिकारी, औरंगाबाद द्वारा विस्तृत रूप से बताया गया। सहायक निदेषक, पौधा संरक्षण द्वारा रबी एवं गराम फसलों में लगने वाले किट व्याधी के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई एवं पौधा संरक्षण विभाग से संचालित होने वाले
योजनाओं यथा ड्रोन, खेती बाड़े कृषि क्लिनिक के बारे में सभी किसान भाईयों को जानकारी दी गई। दिपक कुमार, सहायक निदेषक, रसायन, जिला मिट्टी जॉच प्रयोगषाला, औरंगाबाद के द्वारा बताया गया कि किसान भाई मिट्टी आवष्य जॉच कराये एवं जॉच के फलाफल के अनुरूप ही अपने खेत में उर्वरक की उपयोग करे, तकि मिट्टी का उर्वरा शक्ति कायम रहे। साथ ही सभी पदाधिकारी अपने-अपने विभाग में चलाई जा रही योजनाओं का विस्तृत जानकारी किसान बन्धु को दिया गया। कार्यक्रम में सहायक निदेषक, पौधा
संरक्षण, सहायक निदेषक, रसायन, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक, अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी, औरंगाबाद/दाउदनगर विभिन्न प्रखंड के प्रखंड कृषि पदाधिकारी, नवनियुक्त प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, किसान सलहाकार, प्रखंड तकनिकी प्रबंधक, सहायक तकनिकी प्रबंधक एवं किसान बन्धु उपस्थित थे।