देवकुंड की धार्मिक महिमा एवं ऐतिहासिक गरिमा के अनुरूप तीन दिवसीय महोत्सव आयोजित करने की मांग

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जन सहयोग से 8 से10 तक तीन दिवसीय महोत्सव आयोजित करने का कार्यक्रम था तय कला , संस्कृति एवं युवा विभाग द्बारा 5 लाख का आवंटन प्राप्त होने के बावजूद एक दिवसीय महोत्सव कर लिपा पोती करने का हो रहा प्रयास।विदित हो कि जिला मे देव, देवकुंड एवं उमगा अति प्राचीन धार्मिक स्थल हैं । उक्त स्थलों में देव और उमगा में पूर्व से ही महोत्सव आयोजित हो रहे हैं जिस पर लाखों रुपए खर्च होते हैं। परंतु देवकुंड में महोत्सव का आयोजन नहीं किया जा रहा था । इस हेतु जनेश्वर विकास केंद्र के तत्वाधान में 2019 से ही महोत्सव आयोजन करने का लगातार प्रयास किया जा रहा था।

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महोत्सव का उद्देश्य देवकुंड की ऐतिहासिक गरिमा एवं धार्मिक महिमा से देश दुनिया को परिचित कराना,पर्यटन स्थल का का दर्जा दिलाना , स्थानीय कलाकारों और छात्र छात्राओं को मंच प्रदान करना और वहां का अपेक्षित विकास करना है । इस वर्ष देवकुंड महोत्सव आयोजन के लिए 8 मार्च से 10 मार्च तक दिन दिवसीय महोत्सव करने का निर्णय लिया गया था ।तैयारी जोरों पर चल रही थी, परंतु इसी बीच कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने इस महोत्सव को अपने कैलेंडर में शामिल करते हुए आयोजन हेतु₹5 लाख का आवंटन दिया है । अब इस महोत्सव का आयोजन कला ,संस्कृति एवं युवा विभाग और जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है।

परंतु तीन दिवसीय महोत्सव के बदले एकदिवसीय महोत्सव का आयोजन करने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है जो देवकुंड के ऐतिहासिक गरिमा और धार्मिक महिमा के के अनुरूप नहीं है। साथ ही महोत्सव आयोजन का उद्देश्य भी पुरा नही होगा।इससे प्रतीत हो रहा है कि महोत्सव के नाम पर लिपा पोती का प्रयास हो रहा है।

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इसलिए जिला पदाधिकारी और स्थानीय विधायक भीम कुमार सिंह से मांग करता हूं कि देवकुंड महोत्सव को भी देव की तरह तीन दिवसीय किया जाये। कारण जन श्रुति के अनुसार देव, देवकुंड और उमगा मंदिर एक ही रात भगवान विश्वकर्मा द्बारा निर्माण किया गया है ।

 

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