डाकघर का अभियान 300 यूनिट तक मुप्त बिजली, 78,000 रूपये का सब्सिडी 

3 Min Read
- विज्ञापन-

बिहार डाक परिमंडल ने करवाया 2.7 लाख से ज्यादा घरों का कराया गया पंजीकरण

- Advertisement -
Ad image

पर्यावरण को संरक्षित करने और प्रत्येक घर को सस्ती बिजली प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, माननीय प्रधानमंत्री ने “सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” (सोलर होम फ्री इलेक्ट्रिसिटी स्कीम) का आधारशिला रखा है।

इस प्रगतिशील पहल का उद्देश्य बिजली उत्पादन में सूर्य उर्जा का उपयोग कर राष्ट्रभर में वैसे 1 करोड परिवारों को मुफ्त बिजली प्रदान करना है, जो छत पर सौर बिजली इकाई स्थापित करने का विकल्प चुनते है l ऐसे परिवारों को प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करना घरेलू उपभोक्ताओं को निःशुल्क बिजली प्रदान करता है।

- Advertisement -
KhabriChacha.in

भारतीय डाक विभाग को मिली इस जिम्मेदारी में बिहार डाक परिमंडल ने डाकियों की मदद से लोगो का निबंधन किया जा रहा है, इसमें लाभुको को 300 यूनिट प्रति माह मुफ्त बिजली प्राप्त होगी जिससे प्रति माह करीब हजारों रूपये की बचत लोगो को होगी जिसकी जानकारी बिहार डाक परिमंडल के मुख्य डाक महाध्यक्ष श्री अनिल कुमार दिया।

श्री कुमार ने इस योजना की उपयोगिता को बतलाने के क्रम में बताया की सोलर पैनल हमारे देश में उपलब्ध अमूल्य सूर्य उर्जा का उपयोग कर बिजली उत्पन करेंगे, इस तरह से पारंपरिक स्त्रोतों पर निर्भरता को कम करके पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सकता है।

आगे मुख्य डाक महाध्यक्ष ने बताया की “सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” के अंतर्गत निबंधन कराने पर 1 किलोवाट पर 30 हजार , 2 किलोवाट पर 60 हजार तथा 3 किलोवाट पर 78 हजार तक के अनुदान का प्रावधान है।श्री कुमार ने बताया की 30 हजार से 78 हजार तक के अनुदान के अतिरिक्त इस योजना के लाभार्थी को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली भी मिल पायेगा | योजना के लाभ को देखते हुए बिहार डाक परिमंडल में अभी तक 2.7 लाख घरों का निबंधन किया जा चूका है।

मुख्य डाक महाध्यक्ष ने योजना का लाभ प्राप्त के आकांक्षी बिहार के आमजन से भी आवाहन किया की वे अपने नजदीकी डाकिया से सम्पर्क कर अपना निबंधन कराए | उन्होंने बताया की इस योजना के लाभार्थी देश के हरित उर्जा लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में अपना योगदान प्रदान कर वैश्विक स्तर पर देश का मान बढ़ाएंगे |

 

 

Share this Article

You cannot copy content of this page