औरंगाबाद। शहर के गंगटी निवासी एवं राजद के जिला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव के 22 वर्षीय भतीजे मनीष की मौत दस सितंबर को हो गई। मनीष की मौत का आरोप शहर के सत्येंद्र नगर में प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सक डॉ संतोष कुमार पर लगाया गया था और बताया गया था कि मनीष की मौत चिकित्सक के द्वारा गलत ट्रीटमेंट के कारण हुआ। इसको लेकर राजद प्रवक्ता द्वारा नगर थाने में चिकित्सक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 11 सितंबर को प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी। लेकिन एक सप्ताह से अधिक हो जाने के बाद भी इस दिशा में पुलिस के द्वारा कोई कारवाई नही किए जाने पर लोगों का आक्रोश सड़क पर उतर पड़ा और मंगलवार की देर शाम कैंडल मार्च निकालकर आरोपी चिकित्सक पर कारवाई की मांग की गई।
*युवा छात्र नेता चंदन के नेतृत्व में निकला कैंडल मार्च*
युवा छात्र नेता चंदन कुमार के नेतृत्व में निकला यह कैंडल मार्च शहर के गांधी मैदान से चलकर रमेश चौक तक पहुंचा।जहां मृत छात्र को श्रद्धांजलि दी गई और आरोपी चिकित्सक को गिरफ्तार करने की मांग की गई।कैंडल मार्च में शामिल युवाओं ने बताया कि बीते 10 सितंबर को राजद जिला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव का भतीजा मनीष कुमार को मामूली बुखार हुआ था। जिसके कारण वह अपनी मां को बुलेट पर बैठाकर ब्लॉक कॉलोनी के सतेंद्र नगर स्थित दुर्गा चौक पर डाक्टर संतोष कुमार के निजी क्लिनिक में इलाज़ कराने गया था। जहां गलत इंजेक्शन लगाने से मनीष की तबियत अचानक बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।
*मेडिकल की तैयारी करता था मनीष*
राजद जिला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव का भतीजा मनीष काफी ब्रिलिएंट छात्र था और वहा मेडिकल की तैयारी में लगा हुआ था। पिछले दिनों जन्माष्टमी में वह अपने गांव वार्ड नंबर 31 आया हुआ था। वह एक होनहार छात्र था। परिजनों को उससे काफ़ी उम्मीदें थीं लेकिन डाक्टर की गलत इलाज ने उसकी जान ले ली।
*डॉक्टर की गिरफ्तारी नही होने से लोगों में आक्रोश*
घटना के संबध में राजद जिला प्रवक्ता डॉ यादव ने बताया कि उन्होंने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी तथा कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन घटना के एक सप्ताह बाद भी डाक्टर की गिरफ्तारी न होने से आक्रोश आक्रोश है।जिसको लेकर कैंडल मार्च निकाला गया।इसके माध्यम से पुलिस प्रशासन को एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
गौरतलब है कि मनीष की मौत के बाद प्रभारी मंत्री आलोक मेहता के साथ सात शहर के तमाम राजनीतिक दलों द्वारा जिला प्रशासन से जांच कर कारवाई की मांग की गई थी।