कर्नाटक के गुलबर्गा में आयोजित भारतीय संस्कृति उत्सव – 7 में बिहार के कमलनयन को “राष्ट्रीय युवा भारत गौरव रत्न” से सम्मानित किया गया। देशभर के सभी राज्यों में समाज के लिए काम कर रहे युवाओं को चुनकर इस उत्सव में सम्मानित किया गया है। हर 5 वर्ष के बाद भारतीय संस्कृति उत्सव का आयोजन बड़े ही धूम धाम से किया जाता है जिसमें 9 दिनों में 50 से 60 लाख लोगों की उपस्थिति दर्ज होती है। सभी भारतीयों को देश की संस्कृति एवं कार्यों से जोड़ना और प्रकृति के द्वारा अपने संस्कृति की ओर बढ़ना, उत्सव का लक्ष्य होता है।
इस दौरान कर्नाटक के महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, प्रख्यात विचारक गोविंदाचार्य, पद्मश्री विद्याबिंदु जी, उत्सव के संयोजक बसवराज पाटिल, पद्मश्री उमाशंकर पांडे, पद्मश्री कँवल चौहान, साउथ सुपरस्टार एक्टर रमेश अरविन्द, दत्तात्रेय होसबले (सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ), माधव रेड्डी, आदि अनेक अतिविशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति युवा आवार्डियों के लिए प्रेरणा का श्रोत रही।
कमल नयन ने प्रेस के साथ साझा किये विचार में कहा कि हमें बस अपना कार्य निरंतर करते रहना चाहिए, भले हमारे काम को कोई देख रहा हो या नहीं। फल की चिंता किये बिना अगर हम अपने काम को दिल से करते हैं तो प्रकृति उस कार्य को देखती है। और हमें उसका परिणाम जरुर मिलता है।
कमल नयन का संक्षिप्त परिचय
बिहार के औरंगाबाद जिला निवासी कमलनयन ने देढ वर्ष तक उत्तरप्रदेश के एक गांव तिरहुतीपुर में रहकर वहाँ के बच्चों एवं गांव की बेहतरी के लिए काम किया है। 11 वर्षों से समाज कार्य कर रहे कमलनयन अपने राज्य में पर्यावरण संरक्षण एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए काम कर रहे हैं। बुद्ध की धरती बोधगया में महान नदी निरंजना (फल्गु) के पुर्नजीवन पर काम करते हुए औरंगाबाद में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बेहतरी के लिए कॉपरेटिव के द्वारा लोगों को सक्षम बनाने में लगे हैं।