देवकुण्ड महोत्सव को स्थानीय प्रशासन द्वारा सुपर फ्लॉप कार्यक्रम कराने के लिए भगवान दूधेश्वरनाथ उन्हें कभी माफ नही करेंगें। उपरोक्त बातें लोजपा (रामविलास) के प्रदेश सचिव सह वैश्य चेतना समिति औरंगाबाद जिला संयोजक विजय कुमार अकेला ने देवकुण्ड महोत्सव के संपन्न होने के बाद कहा।
श्री अकेला ने कहा कि जिस स्थल पर लाखों श्रद्धालुओं की भावना जुड़ी हो, जिस स्थल का नाम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने श्रद्धा एवं विश्वास के साथ अपने संबोधन में लेते हो , उस देवकुण्ड महोत्सव को जिसे पहली बार मे ही ” कला एवं संस्कृति विभाग ” बिहार सरकार से 5 लाख रुपये का आवंटन हो जाता है।
स्थानीय प्रसाशन के लापरवाही एवं कोरम पूरा करने के कारण सुपर फ्लॉप हो गया। इस कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के आभाव में अधिकांश कुर्सियां भी खाली रह गई।उससे अधिक हास्यास्पद तो यह रहा कि आयोजकों द्वारा जो अतिथियों को देवकुण्ड महोत्सव के उपलक्ष्य में जो मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया, उसमें भगवान दूधेश्वरनाथ के मंदिर या च्यवन ऋषि के फोटो के स्थान पर गौतम बुद्ध की तैल चित्र दी गई , और अतिथि भी इसे स्वीकार करते गए।
यह गंभीर प्रशासनिक चूक या जान बूझ कर ऐसी गलती किया गया। साथ ही साथ स्थानीय कलाकार एवं युवाओं को अवसर अप्राप्त संख्या में मिला ही नहीं। बच्चों से संबंधित खेलकूद प्रतियोगिता भी नही करवाया गया। हद तो तब हो गया कि जितने वरीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया , वे लोग भी नही आ सकें।
और देवकुण्ड तथा च्यवन ऋषि के महता एवं उसके विकास कैसे हो जिससे पर्यटन के दृष्टिकोण से कैसे विकास हो इस पर भी परिचर्चा नहीं हो सका। सबसे अधिक देवकुण्ड महोत्सव की हास्यास्पद स्थिति यह रही कि देवकुण्ड मठ के मठाधीस भी इस कार्यक्रम में नही गए।