भाटगिरी कर सदन में पहुंचे लोगों का हो विरोध,आनंद मोहन

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औरंगाबाद।पृथ्वीराज चौहान एवं चंदरवरदाई के आदमकद प्रतिमा के अनावरण में गुरुवार को औरंगाबाद पहुंचे पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह ने एक बार फिर ठाकुर के कुएं किताब की एक कविता पर की गई टिप्पणी को लेकर हुंकार भरा है और जमकर एक नेता पर जमकर प्रहार किया है जिन्होंने इस किताब की लेखनी पर राजपूत समाज को गाली दी. उन्होंने कहा कि यदि आनंद मोहन उस सदन में होता तो बोलने वाले की जीभ काटकर सदन में उछाल देता. उन्होंने बिना नाम लिए न सिर्फ राज्यसभा सांसद मनोज झा बल्कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधा है।

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अपने संबोधन के दौरान अपने समाज के नेताओं से आह्वान किया कि हमारे समाज के लोग सदन में इस मुद्दे को लेकर अपनी आवाज बुलंद कीजिए और गाली को सदन की कारवाई से बाहर करवाइए और जब तक करवाई नही होती तब तक उसे सदन में घुसने नही दीजिए।

गौरतलब है कि राज्यसभा सांसद मनोज झा ने सदन में ठाकुर की कुआं पर कविता पाठ किया था और एक समाज को गाली दी थी. उसी गाली का प्रतिकार करते हुए पूर्व सांसद अपने संबोधन के दौरान आक्रामक हो उठे और कहा कि जब हमने जीभ काटने वाली बात की तो काफी बबाल मचा और लोगों ने उक्त गाली को प्रतीकात्मक कहा,परंतु उन्ही के प्रतीकात्मक वाले लहजे का जवाब देकर मैने कहा कि जब उक्त गाली प्रतीकात्मक है तो मेरी बात और मेरे विरोध के शब्द मुहावरा है. उन्होंने कहा कि एक फिटकरी झा नेता नेतागिरी कर नहीं बल्कि भाटगिरी कर सदन में जाता है. वह किसी की नजर में विद्वान हो सकता है।

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मगर राजपूत समाज को संगठित हो ऐसे भाट नेताओं को जवाब देने की जरूरत है. मालूम हो कि बीते दिनों मनोज झा और आनंद मोहन के बीच ठाकुर का कुआं पुस्तक में लिखी एक कविता पर जमकर विवाद हुआ था और यह खबर सुर्खियों में रही थी. उक्त विवाद के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मनोज झा को विद्वान कहा था

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