औरंगाबाद शहर के विभिन्न घाटों के साथ साथ घरों के छत पर भी छठव्रतियों ने भगवान भास्कर को समर्पित किया प्रातःकालीन अर्घ्य

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लोक आस्था एवं लोक उपासना के महापर्व छठ का समापन औरंगाबाद में भगवान भास्कर के प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ शुक्रवार की सुबह छह बजकर चार मिनट पर समाप्त हो गया।

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सूर्य नगरी देव समेत शहर में भी लाखों व्रतियों ने उदयीमान सूर्य को आज अपना दुसरा अर्घ्य समर्पित किया।

शहर के विभिन्न नदी, तालाब एवं पोखरों के साथ साथ कई व्रतियों ने अपने अपने घर की छतों के ऊपर ही बने जल पात्र में भगवान भाष्कर को अपना दूसरा अर्ध्य अर्पण करते दिखे।

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भगवान भास्कर को अपना दूसरा अर्घ्य समर्पित करने के लिए व्रती अहले सुबह से ही नदी, पोखरा, तालाब में बने घाटों पर पहुंच गए और सूर्यदेव के उदय होने का इंतजार किया। जैसे ही भगवान सूर्य की लालों पूर्व दिशा की ओर दिखी वैसे ही छठी मईया एवं भगवान सूर्य के जयकारे लगाए गए और आतिशबाजियों से उनके आगमन का स्वागत किया।

इस दौरान व्रतियों ने भगवान भास्कर को प्रातःकालीन अर्घ्य समर्पित कर चार दिवसीय अनुष्ठान को संपन्न किया। गौरतलब है कि बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों में छठ पूजा अनुष्ठान करने का एक अलग ही महत्व है और ऐसी मान्यता है कि भगवान सूर्य यहाँ साक्षात विद्यमान हैं

और जो कोई भी सच्चे मन से छठी मईया की पूजा अराधना करता है, भगवान उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं। अर्ध्य अर्पण के बाद व्रती अपने परिजनों के साथ प्रसाद ग्रहण किया।

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